राजभाषा एवं मातृभाषा का आत्माभिमान जीवन की शर्त होनी चाहिए: प्रो. तिवारी, आईआईटी में होगी बी. एड की भी पढ़ाई,

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नराकास खड़गपुर की 29 वीं बैठक बीते दिनों अध्यक्षीय कार्यालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के गार्गी सभागार में संपन्न हुई। नराकास समिति के सचिव एवं वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी डा. राजीव रावत ने सभी कार्यालय प्रमुखों और सदस्यों का परिचय कराया तथा प्रो. अशोक मिश्र ने सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत कोरोनाकाल के बाद इस प्रत्यक्ष बैठक में सभी परस्पर मिलकर प्रसन्न थे। निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर एवं नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष श्री वी के तिवारी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नराकास के सदस्य कार्यालयों से कार्यालय प्रमुख उनके प्रतिनिधि और राजभाषा अधिकारियों ने सहभागिता की। किया। बैठक में एडीआरएम खड़गपुर, सभी केन्द्रीय विद्यालयों के प्राचार्यगण, महाप्रबंधक, अपर महाप्रबंधक, मुख्य प्रबंधकगण एवं अनेक अधिकारी शामिल हुए। बैंकों के कोलकाता, हावड़ा, बांकुड़ा, दुर्गापुर मुख्यालयों से संबंधित हिन्दी अधिकारी गण एवं हिन्दी प्राध्यापक श्री प्रभात गुप्ता उपस्थित हुए।


कोलकाता कार्यान्वयन कार्यालय से पधारे श्री निर्मल कुमार दुबे ने प्राप्त रिपोर्टों की समीक्षा की तथा कार्यालयों के अच्छे कार्यों की प्रशंसा की तथा जहाँ कार्यान्वयन में कमियाँ थी, उन्हें सुधारने का निर्देश दिया। रिपोर्ट को बेहतर ढंग से भरने, तिमाही रिपोर्ट आनलाइन भरने तथा संसदीय समिति की प्रश्नावली के मानकों पर कार्यालय को तैयार रखने के कई सुझाव भी उन्होंने कार्यालय अध्यक्षों एवं अधिकारियों को दिए।


अध्यक्षीय संबोधन में प्रोफेसर वी के तिवारी जी ने कहा कि अपनी भाषाओं को सहेजना हमारा कर्तव्य है। उन्होने कहा कि पहले अपने शरीर का प्रबंधन आवश्यक है। एक स्वस्थ सचेतन शरीर का स्वामी ही परिस्थितियों के अनुसार बेहतर प्रबंधन कर सकता है। प्रो. तिवारी ने कहा कि हमारे जीवन की पहली शर्त होनी चाहिए कि हम अपनी मातृभाषा एवं राजभाषा के प्रति गर्व, गौरव और आत्माभिमान के भाव से भरे हों-हमें चिंतित होने की गुलामी मानसिकता से बाहर आना चाहिए कि हम विश्व से सिर्फ अंग्रेजी के माध्यम से ही संपर्क कर सकते हैं। हमें अपनी ज्ञानात्मक स्थिति इतनी मजबूत करनी होगी कि दुनिया हमारे ज्ञान से झुके और हमारी भाषाओं को सीखे। संस्कृत हमारी सभी भाषाओं की जननी रही है और विश्वगुरु के दौर में समस्त ज्ञान का आधार रही है-हमें भारतीय ज्ञान प्रणाली को विकसित और सुदृढ़ करने में सजगता से प्रयास करना है। अपने सहज हास्यबोध से उन्होने सभा को जीवंत कर दिया और अपनी विदेश यात्रा के अनुभव भी साझा किए। निकट भविष्य में आईआईटी में बी एड के शुभारंभ की भी उन्होंने सूचना दी।
कोलकाता से पधारे श्री राजेश चतुर्वेदी ए जी एम /राजभाषा भारतीय स्टेट बैंक ने क्विजी डॉट कॉम के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद के जीवन और रचनाओं से संबंधित एक प्रश्नोत्तरी का संचालन किया। उपस्थित सभी कर्मचारियों एवं अधिकायों ने इसमें भाग लिया। प्रतियोगिता के परिणाम भी तुरंत घोषित किए गये।

पिछले वर्ष 2021-22 की अवधि में नगर स्तर पर राजभाषा के प्रयोग प्रसार में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कार्यालयों को शील्ड प्रदान की गईं।
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति खड़गपुर
शील्ड प्रतियोगिता परिणाम
वर्ष 2021-22
वर्ग – बैंक

क्र.सं
बैंक का नाम
पुरस्कार स्थान

1.
पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय, खड़गपुर
प्रथम

2.
इंडियन बैंक, अंचल कार्यालय , मिदनापुर
द्वितीय

3.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, खड़गपुर
द्वितीय

4.
केनरा बैंक, खड़गपुर
द्वितीय

5.
पंजाब एंड सिंध बैंक, खड़गपुर
तृतीय

वर्ग – विद्यालय

क्र.सं
विद्यालय का नाम
पुरस्कार स्थान

1.
केन्द्रीय विद्यालय, रि. बैं.नो.मु. सलबोनी
प्रथम

2.
केन्द्रीय विद्यालय वायु सेना स्थल, सालुआ
द्वितीय

3.
केन्द्रीय विद्यालय, भा. प्रौ.सं. खड़गपुर
द्वितीय

4.
केन्द्रीय विद्यालय, क्रमांक 1, कलाईकुंडा
तृतीय

5.
केन्द्रीय विद्यालय, क्रमांक 2, खड़गपुर
तृतीय

6.
केन्द्रीय विद्यालय, रेलवे कॉलोनी, खड़गपुर
तृतीय

7.
केन्द्रीय विद्यालय, क्रमांक 2 कलाईकुंडा
तृतीय

वर्ग – केन्द्र सरकार उपक्रम, लिमिटेड, निगम, कंपनी

क्र.सं
कार्यालय का नाम
पुरस्कार स्थान

1.
भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण (प्रा.) लिमिटेड सालबोनी
प्रथम

वर्ग- केंद्र सरकार कार्यालय, विभाग, स्वायत्त संस्थान

क्र.सं
कार्यालय का नाम
पुरस्कार स्थान

1.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर
प्रथम

नराकास खड़गपुर का यह आयोजन सफल रहा। आगामी सितंबर माह में राजभाषा के लिए नराकास की ओर से बहुत से आयोजन किए जाएंगे। समुचित समय पर इसकी सूचना दी जाएगी। नराकास सचिव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और बैठक का समापन हुआ।

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