घाटाल में बाढ़ का कहर: छतों पर शरण लेने को मजबूर लोग






घाटाल, पश्चिम मिदनापुर, अगस्त 2025 – पश्चिम मिदनापुर के घाटाल क्षेत्र में आई बाढ़ ने लोगों की ज़िंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है। घर, आंगन और सड़कें पूरी तरह पानी में डूब जाने के कारण कई परिवार अपने मकानों की छतों पर रहने को मजबूर हैं।




छत पर शरण लेने वाले लोगों का कहना है, “फिलहाल किसी तरह यहां रह रहे हैं, लेकिन अगर फिर से बारिश हुई तो कहां जाएंगे, यह नहीं जानते।” कई परिवारों ने बताया कि प्रशासनिक प्रतिनिधि और नेताओं से मदद की उम्मीद की थी, लेकिन पानी से घिरे होने के कारण वे अपनी समस्या सीधे नहीं रख पाए।

बाढ़ के पानी में डूबने से हैंडपंप और जलाशय अनुपयोगी हो गए हैं। लोग मजबूरी में जमा पानी को उबालकर पीने योग्य बना रहे हैं। शुरुआती दिनों में प्रशासन ने पैकेट बंद पीने का पानी दिया, लेकिन बाद में यह सहायता बंद हो गई।
स्थानीय निवासी चिन्मय सिंह और अनंत साहा का कहना है, “पानी छत तक आ गया है, इसलिए परिवार के साथ छत पर ही रहना पड़ रहा है। जब तक ‘घाटाल मास्टर प्लान’ लागू नहीं होता, तब तक हमारी परेशानी खत्म नहीं होगी।”
कई लोग राहत शिविरों में जाने से भी बच रहे हैं। उनका कहना है, “कुछ दिनों में पांच बार हमारा गांव डूब चुका है, हर बार शिविर में जाना संभव नहीं है।”
स्थानीय तृणमूल नेता दिलीप माजी का कहना है, “बेहतर समाधान के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने खुद 2027 तक समय मांगा है।”
सारांश:
घाटाल में आई बाढ़ ने लोगों को बेहद कठिन हालात में जीने पर मजबूर कर दिया है। छतों पर रहना, पीने के पानी की किल्लत और राहत शिविरों से दूरी—ये सभी समस्याएं मिलकर स्थानीय निवासियों की दुश्वारियों को और बढ़ा रही हैं।
