अस्पताल से चाय लेने निकले मरीज की दर्दनाक मौत, लाश पड़े रही घंटों तक






खड़गपुर महकमा अस्पताल में एक चौंकाने वाला और बहुत दुखद हादसा घटित हुआ। अस्पताल में भर्ती एक 42 वर्षीय पुरुष मरीज ‘चाय पीने जा रहा हूँ’ कहकर सुबह सुबह बाहर गया, लेकिन वापस अपने बिस्तर पर लौटने से पहले ही उसकी मौत हो गई। यह घटना सुबह लगभग 7 बजे की है। अस्पताल के कर्मचारियों को जब यह जानकारी मिली, तब तक मरीज अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के सामने मृत पड़ा मिला। उस व्यक्ति की लाश चार से पांच घंटे तक वहीं पड़ी रहने का आरोप भी लगा है, जब तक अन्य रोगी या उनके परिचितों ने इसकी सोशल मीडिया पर शिकायत की ।




घटना का पूरा विवरण

मरीज कौन था?
मृतक का नाम नरेश दास (42 वर्ष) था, जो खड़गपुर के डीवीसी-रविंद्रपल्लि इलाके के निवासी थे और वे क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस से पीड़ित थे। उन्हें 26 अगस्त की सुबह अस्पताल के ‘मेल मेडिसिन’ वार्ड में भर्ती किया गया था, और वे बीड संख्या 2 पर थे ।
क्या हुआ था?
वार्ड के अन्य मरीजों के अनुसार, नरेश पिछले दिन रात से बेचैन थे, वे लगातार बिस्तर बदलने की कोशिश कर रहे थे और कई बार गेट खोलकर बाहर जाने का प्रयास भी किया। सुबह जब गेट खुला, तो वह बोले, “चाय पीने जा रहा हूँ।” इसके कुछ समय बाद उनकी लाश इमरजेंसी विभाग के सामने पड़ी मिली ।
लाश क्यों पड़ी रही?
इस बात पर सवाल उठते हैं कि इतनी देर तक मृत व्यक्ति की लाश घटनास्थल पर पड़ी क्यों रही। अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों ने आरोप लगाया कि लगभग चार से पांच घंटे तक वह बीच में पड़ा रहा जब तक सोशल मीडिया पर इसकी शिकायत हुई, तब तक अस्पताल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की ।
अस्पताल प्रशासन और स्थानीय प्रतिक्रियाएँ:-
विरोधी दल की प्रतिक्रिया:
जिला भाजपा के प्रवक्ता अरूप दास ने इसे “अमानवीय” घटना करार दिया और पुलिस से इस मामले की जाँच कराने की मांग की। उन्होंने शिनकत जताई कि मरीज मरीजः की लाश इतनी देर तक इमरजेंसी के सामने पड़े रहने की बात भी बेहद गंभीर है ।
अस्पताल की दलील:
अस्पताल के रोगी कल्याण समिति की अध्यक्ष और तृणमूल नेतृ हेमा चौबे ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, लेकिन निगरानी या सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही कहकर दोष देना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अक्सर बहुत से मरीज वार्ड से बाहर चलते फिरते रहते हैं, और उस परिस्थिति में सुरक्षा कर्मियों ने इसे इसी तरह समझा ।
सुपरिंटेंडेंट का बयान:
अस्पताल सुपर ग़ौतम माइति ने स्वीकार किया कि मरीज थोड़ी देर के लिए वार्ड में गायब था। उन्होंने बताया कि वह क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के मरीज थे, और उनकी ओटी (ऑपरेशन थियेटर) के लिए तैयारियां चल रही थीं। अचानक उन्हें वार्ड में नहीं पाया गया, और बाद में उन्हें इमरजेंसी के सामने मृत अवस्था में देखा गया ।
स्वास्थ्य अधिकारी की प्रतिक्रिया:
जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMOH) सौम्यशंकर ने कहा कि घटना सामने आने पर मैंने मौखिक रूप से जानकारी ली है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अविलंब जांच दिलाने का आश्वासन दिया है ।
सारांश:
अस्पताल से “चाय पीकर आता हूँ” कहकर बाहर निकले एक मरीज की मौत हुई।
मृतक की लाश दश्तनासा इमरजेंसी परिसर में चार से पांच घंटे तक पड़ी रही।
विरोधियों ने सुरक्षा तंत्र की आलोचना की, जबकि अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही से इंकार किया।
स्वास्थ्य अधिकारी जांच का आश्वासन दे चुके हैं।
