December 5, 2025

जम्मू-कश्मीर में भीषण प्राकृतिक आपदाएँ: 11 की मौत, सड़कें बदहाल

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एक सप्ताह से जारी गहन बारिश के बीच जम्मू-कश्मीर में दो क्षेत्रों—रामबन और रियासी—में प्राकृतिक आपदाओं ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया। सामूहिक त्रासदी के परिणामस्वरूप अब तक कम से कम 11 लोगों की मौत हुई और कई लापता हैं।

रामबन में मेघवर्षा (cloudburst) की तबाही:

रामबन जिले के राजगढ़ तहसील में आज (शनिवार) तड़के एक अचानक मेघवर्षा हुई, जिससे अचानक बाढ़ और भूस्खलन शुरू हो गया। इस घटना में चार लोगों की मौत हुई है, जबकि चार अन्य लापता बताए जा रहे हैं—हालांकि प्रारंभिक रिपोर्ट्स में “तीन की मौत, दो लापता” जैसी संख्याएँ भी सामने आई हैं।

रक्षात्मक टीमों—जिनमें SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन शामिल हैं—ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया है, घरों को नुकसान पहुंचने के साथ ही ढूंढने और राहत देने के प्रयास जारी हैं।

केंद्रीय मंत्री श्री जितेंद्र सिंह ने ट्विटर (X) पर पुष्टि करते हुए कहा कि वे डीसी रामबन के संपर्क में हैं और प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जा रही है।

रियासी में भूस्खलन की दर्दनाक घटना:

रियासी जिले के माहोरे क्षेत्र के बदार गांव में एक घर पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जिससे एक ही परिवार के सात लोग—पति, पत्नी और उनके पांच बच्चे—मलबे में दब गए। सभी मृतक, जिनमें पांच बच्चे शामिल हैं, की शवावशेष निकल चुकी है।

बाद की रिपोर्टों में क्लाउडबर्स्ट और भूस्खलन से 11 लोगों की जान गंवाने का आंकड़ा सामने आया है—जिसमें रामबन और रियासी के दोनों हादसे शामिल हैं।

बुनियादी ढांचे और जनजीवन प्रभावित:

राष्ट्रीय राजमार्ग बंद: जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (मुख्य कनेक्शन) कई जगहों पर मिट्टी और मलबे के कारण अवरुद्ध है, कुछ रिपोर्टों में इसे “पाँच दिनों से बंद” बताया गया है, जिससे हजारों वाहन फंसे हुए हैं।

स्कूल बंद: जम्मू डिवीजन में सभी सरकारी और निजी स्कूल (विशेषकर कक्षा 9–12 तक) बंद कर दिए गए हैं, ऑनलाइन कक्षाओं की रूपरेखा पर विचार किया जा रहा है।

मौसम-अवधि और चेतावनियाँ: मौसम विभाग ने पुंछ, किष्टवाड़, जम्मू, रामबन और उधमपुर के लिए “कमला” (ऑरेंज) चेतावनी जारी की है, साथ ही अन्य क्षेत्रों में “पीला” अलर्ट भी बताया गया है।

पृष्ठभूमि और पिछले हादसों की झलक:

हाल ही में अन्य आपदा-ग्रस्त क्षेत्र: 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चोसिति गांव में खूंखार क्लाउडबर्स्ट और फ्लैश फ्लड ने महज 65 से 67 लोगों की जान ले ली थी, 200 से ज्यादा अभी भी लापता हैं।

यात्रा रद्द और बचाव कार्य: उस समय Machail Mata यात्रा मार्ग पर भारी तबाही हुई थी, जिसकी वजह से यात्रा को स्थगित कर दिया गया था। उद्धार टीमों, सेना, एनजीओ आदि की तालिका तेजी से सक्रिय की गई थी।

 

सारांश (Summary in Hindi):

क्षेत्र घटना मृतक लापता

रामबन (राजगढ़) मेघवर्षा, भूस्खलन 3–4 2–5

रियासी (बदार) भूस्खलन 7 (एक परिवार) —

कुल 11 से अधिक कुछ लापता

निष्कर्ष:

जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही तीव्र बारिश और इसके चलते आएको होने वाले प्राकृतिक आपदाओं ने हालिया दिनों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। रामबन में अचानक उतरी मेघवर्षा और रियासी में भूस्खलन ने गंभीर मानवाधिकार संकट पेश कर दिया है। बुनियादी संरचनाएँ चरमरा गई हैं, ट्रेन और सड़क मार्ग बाधित हैं, और भयावह मौसम की भविष्यवाणी क्षेत्र में और मुश्किलें बढ़ा रही है। प्रशासन, बचाव दल और केंद्र सरकार की ओर से राहत कार्य तीव्र गति से जारी है, लेकिन मौसम की विकटता के कारण बचाव कार्य कठिनाइयों का सामना कर रहा है।

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