टीएमसी छात्र नेताओं को SSC परीक्षा केंद्र पर “चेकिंग” का आरोप, आयोग ने दी सफाई






स्कूल सेवा आयोग (SSC) की ओर से नवम-दशम कक्षा के शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने में जुटे रहने के बीच पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया विवाद उपजा है। BJP के राज्य विधानसभा में नेता और विपक्षी सुबेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर आरोप लगाया है कि परीक्षा केंद्रों पर आदमिट कार्ड की जांच और प्रवेश नियंत्रण के काम में तृणमूल छात्र परिषद (TMCP) के नेता-कार्यकर्ता शामिल थे। इससे “परीक्षा की निष्पक्षता” पर सवाल उठने लगा।




क्या कहा सुबेंदु अधिकारी ने?

सुबेंदु अधिकारी ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए आरोप लगाया कि केशपुर के एक परीक्षा केंद्र में प्रवेश कक्ष में TMCP कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने छात्रों के एडमिट कार्ड की जांच की — “जो उन्हें वहां रहने का अधिकार नहीं था”। उन्होंने उस वीडियो में दो नाम भी उल्लेख किए — महबूबत हुसैन (TMCP शाखा अध्यक्ष) और इंजामामुल (महासचिव) — जो कथित रूप से सूर्य-चेकिंग में शामिल थे ।
आयोग का जवाब
SSC की ओर से बताया गया है कि परीक्षा केंद्र के बाहर की “चेकिंग” का काम आयोग द्वारा नियुक्त एजेंसियों को सौंपा जाता है। ये एजेंसियां स्वयं स्थानीय स्तर पर अन्य एजेंसियों को कार्य सौंपती हैं, जिनमें राजनीतिक रूप से संबद्ध व्यक्ति भी हो सकते हैं। परंतु, आयोग ने यह साफ़ किया कि इस क्रम में किसी केंद्र विशेष की जांच किसी राजनीतिक दल विशेष से जोड़कर नहीं की जा सकती ।
एक जिला स्तर के स्कूल शिक्षक और SSC के नोडल अधिकारी डॉ. यासीन खान ने कहा कि परीक्षा सुचारू और निष्पक्ष रूप से संपन्न हुई है। हालांकि एक शिक्षक ने यह भी बताया कि बाहरी गेट पर गलत “चेकिंग” एक समस्या बन सकती है, क्योंकि इससे परीक्षा में अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेश कर सकता है ।
SFI ने भी उठाया सवाल
SFI (Students’ Federation of India) के जिला सचिव रनीत बेरा ने कहा कि केशपुर में TMCP छात्र नेताओं के खिलाफ पहले से ही शिकायतें हैं और परीक्षा की निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल अब उठ रहे हैं। उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है ।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अजित मैति ने BJP नेता पर आरोप लगाया कि वे परीक्षा को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा “पूरी तरह सुचारू और निर्विघ्न” तरीके से संपन्न हुई और कोई विश्वसनीय शिकायत नहीं मिली है ।
एसएससी परीक्षा केंद्र पर गहने निकालने में परेशान हुईं कई महिला परीक्षार्थी
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एसएससी की परीक्षा के दौरान मिदनापुर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर पहुंचे कई महिला परीक्षार्थियों को जब निर्देश के अनुसार धातु के किसी भी चीज़—जैसे कान की बाली, नथ, गले की चैन, या अंगूठी—को खोलना पड़ा, तब उन्हें अप्रत्याशित पैनिक का सामना करना पड़ गया।
रविवार सुबह से ही परीक्षा केंद्रों पर मेटल डिटेक्टर द्वारा कड़ी तलाशी की जा रही थी। सुरक्षा कर्मियों ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि परीक्षा में प्रवेश के समय कोई धातु आधारित आभूषण साथ न हो। जब इस निर्देश के पालन में परीक्षार्थियों को तुरंत अपना गहना उतारना पड़ा, तो कई महिलाएं चकित रह गईं। कईयों के पास साथ में कोई नहीं था और यह तय नहीं कर पा रही थीं कि अपनी महंगी गहने कहाँ रखें। मजबूरी में उन्होंने अपने आभूषण अपने ही बैग में रखकर परीक्षा में प्रवेश किया। कुछ ने तो ऐसे गहने भी पहने हुए थे जिन्हें उन्होंने पूरे जीवन में कभी नहीं खोला था, और वे सह-परीक्षार्थियों से मदद मांगने को विवश हो गईं ।
हालांकि, पुलिस और कर्मी बार-बार यह स्पष्ट कर रहे थे कि परीक्षा केंद्र के बाहर रखे बैग या अन्य सामान की जिम्मेदारी परीक्षा देने वाले की ही होगी। परीक्षा केंद्र गेट पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया, “नियमों की बार-बार जानकारी दी जा चुकी है। उम्मीद है, अब से परीक्षार्थी अधिक सतर्क रहेंगे।” हालांकि यह कड़ाई केवल मिदनापुर कॉलेज में ही दिखी; अन्य कॉलेजों में ऐसा कड़ा व्यवहार नहीं देखा गया ।
