खड़गपुर डिवीजन में ट्रेन की लगातार देरी : यात्री बेहाल, रेलवे जवाबी हल नहीं






दक्षिण-पूर्व रेल के खड़गपुर डिवीजन में अब रोज़ाना ट्रेनों की लगातार देरी यात्रियों के लिए कष्टदायक हो गई है। लोकल ट्रेनों के तीन घंटे तक लेट होने की समस्या से यात्री रोजाना जूझ रहे हैं।




रेल विभाग फिलहाल यह नहीं बता पा रहा कि इस समस्या का समाधान कब संभव होगा।

देरी की समस्या और खरी-खोटी:
मेदिनीपुर से हावड़ा तक पहुंचने वाली लोकल ट्रेन को आमतौर पर डेढ़ घंटे से कुछ अधिक अवधि लगनी चाहिए, लेकिन कई बार यह तीन घंटे बाद पहुंचती है।
एक यात्री अरुण पात्र ने बताया कि,
> “मेरे साथ मेरी बेटी और पोती थीं। उस लोकल ट्रेन से शाम 5 बजे तक पहुंचना तय था, लेकिन वो रात साढ़े 8 बजे पहुंची।”
रेल सुविधा से जूझ रहे यात्री कई बार रेलवे अधिकारियों को ज्ञापन भेज चुके हैं और प्रदर्शन भी कर चुके हैं। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
लाल्टू मइति, हावड़ा-जकपुर प्यासेंजर वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य, कहते हैं कि 2022 से ही यह समस्या बनी हुई है। रेल विभाग के साथ हुई बैठकों में जवाब मिलता है कि “देखा जा रहा है” — लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
रेलवे का वक्तव्य:
रेल विभाग का कहना है कि खड़गपुर डिवीजन में सुधार कार्य जारी हैं।
डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) ललितमोहन पांडे ने कहा कि सांतिराघाटी से खड़गपुर तक चौथी लाइन नहीं बनने की वजह से सभी ट्रेनों को समयबद्ध चलाना कठिन हो रहा है। उन्होंने बताया कि विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और इसे मंजूरी के लिए भेजा गया है। इसके बाद ज़मीन अधिग्रहण होना है, और तभी निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा।
हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि यह एक समय लेगा और स्पष्ट नहीं है कि काम पूरी तरह कब पूरा हो सकेगा।
यात्रियों का संकट:
दैनिक जीवन असमय हो रहा है — लोग घर से निकलने और वापस लौटने का सही समय नहीं जान पाते।
स्कूल-कॉलेज और दफ्तर जाने वालों की तर्ज़ पर यह समस्या और भी गहरी हो रही है।
अभी तक रेलवे की ओर से कोई अस्थायी राहत उपाय नहीं दिखा है — जैसे कि अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें, शेड्यूल पुनर्गठन या ट्रेनों की प्राथमिकता देना।
