खड़गपुर में दर्दनाक हादसा: पटरियों की जांच के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से ट्रैकमैन की मौत, रेलवे की सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल






पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में शनिवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें रेलवे ट्रैक की निगरानी कर रहे एक कर्मचारी (ट्रैकमैन) की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। इस घटना के बाद रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा और विभागीय लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।




घटना का विवरण

मृतक की पहचान 54 वर्षीय मोहम्मद मंजूर हैदर के रूप में हुई है, जो खड़गपुर शहर के देबलपुर कालकाटी इलाके (वार्ड नंबर 5) के निवासी थे। रिपोर्ट के अनुसार, मंजूर हैदर रेलवे में ‘की-मैन’ (Key-man) के पद पर कार्यरत थे। शनिवार सुबह वे खड़गपुर स्टेशन के पास निमपुरा यार्ड के समीप खड़गपुर-बालेश्वर लाइन पर अपना नियमित निरीक्षण कार्य कर रहे थे।
इसी दौरान, संबलपुर-शालीमार एक्सप्रेस वहां से गुजरी और मंजूर उसकी चपेट में आ गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
सुरक्षा मानकों पर लापरवाही का आरोप
इस घटना के बाद ‘गैंगमैन श्रमिक यूनियन’ ने रेलवे प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। यूनियन के नेता अनिल दास ने बताया कि नियमों के अनुसार, जब ट्रैकमैन पटरियों पर काम करते हैं, तो उनकी सुरक्षा के लिए एक ‘लुकआउट मैन’ (Lookout man) का होना अनिवार्य है, जो ट्रेन आने की चेतावनी दे सके।
अनिल दास ने आरोप लगाया, “खड़गपुर-बालेश्वर लाइन पर सुरक्षा का यह सिस्टम लागू नहीं किया गया था। इसके अलावा, कर्मचारी के पास कोई स्वचालित चेतावनी उपकरण (जैसे रक्षक डिवाइस) भी नहीं था, जो ट्रेन के आने का संकेत देता। यदि ये सुरक्षा उपाय होते, तो शायद मंजूर की जान बचाई जा सकती थी।”
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मंजूर हैदर के परिवार में उनकी पत्नी पुतुल खातून और एक बेटा है। उनका बेटा उत्तर बंगाल के एक कॉलेज से एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई कर रहा है। पिता की मृत्यु की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। यूनियन ने पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजे और पत्नी को नौकरी देने की मांग की है।
रेलवे की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलने पर जीआरपी (GRP) ने शव को बरामद कर खड़गपुर अनुमंडल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि विभाग इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ा है और नियमों के तहत उन्हें मुआवजा व अन्य सहायता प्रदान की जाएगी। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर रेलवे कर्मचारियों की कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है।
