बाँकुड़ा के जंगल में तेंदुए की दहशत: सुरक्षा बढ़ाई गई, ग्रामीणों की आजीविका पर संकट






पश्चिम बंगाल के बाँकुड़ा जिले के जयपुर जंगल में एक तेंदुए की मौत के बाद से दहशत का माहौल है। वन विभाग ने एहतियात के तौर पर इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है और स्थानीय लोगों को अकेले जंगल में प्रवेश करने से मना किया है।




पिछले गुरुवार को बिष्णुपुर-जयरामबाटी सड़क पर एक वयस्क तेंदुए का शव मिलने के बाद वन विभाग ने यह कदम उठाया है। अधिकारियों का मानना है कि मृत तेंदुए का साथी अभी भी जंगल में मौजूद हो सकता है। यह सुरक्षा व्यवस्था लोगों को तेंदुए के संभावित हमले से बचाने और साथ ही तेंदुए को भी इंसानों से किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए की गई है।

वन विभाग के इस फैसले से स्थानीय ग्रामीणों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। इस क्षेत्र के अधिकांश निवासी अपनी रोजी-रोटी के लिए जंगल से साल के पत्ते इकट्ठा करने पर निर्भर हैं। इन पत्तों से वे प्लेटें, कटोरियाँ और अन्य सामान बनाते हैं, जिनकी आपूर्ति राज्य भर में की जाती है।
आस-पास के गाँवों के निवासियों का कहना है कि उन्हें पहले जंगल में तेंदुए की मौजूदगी की जानकारी नहीं थी। उनका पूरा घर-परिवार और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई इसी साल के पत्तों को बेचकर होने वाली कमाई पर निर्भर करती है। ग्रामीणों ने अपनी दुविधा व्यक्त करते हुए कहा कि तेंदुए का डर होने के बावजूद, पेट पालने के लिए उनके पास जंगल जाने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में नियमित गश्त बढ़ा दी गई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। विभाग ने यह भी पुष्टि की है कि इस जंगलमहल इलाके में लगभग छह तेंदुए स्थायी रूप से रहते हैं और भविष्य में इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
