दहेज के लिए 9 महीने की गर्भवती महिला को जिंदा जलाया, सास समेत 3 महिलाएं दोषी करार






पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले की एक अदालत ने मानवीय क्रूरता की हदें पार करने वाली एक घटना में अपना फैसला सुनाया है। दहेज की मांग पूरी न होने पर नौ महीने की गर्भवती बहू को जिंदा जलाने के आरोप में कांथी अदालत ने सास समेत तीन महिलाओं को दोषी करार दिया है।




यह दिल दहला देने वाली घटना 2020 में कांथी थाना क्षेत्र के चालती गांव में घटी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मृतका की पहचान 19 वर्षीय रीना बीबी के रूप में हुई है।

क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, रीना बीबी ने गांव के ही युवक अब्दुल मोहित से प्रेम विवाह किया था। शादी के दौरान रीना के परिवार ने अपनी हैसियत के हिसाब से नकदी और सोने के गहने दिए थे, लेकिन अब्दुल का परिवार इस प्रेम विवाह के खिलाफ था। आरोप है कि शादी के तुरंत बाद से ही ससुराल वालों ने रीना पर अत्याचार करना शुरू कर दिया।
ससुराल वाले रीना पर मायके से 50,000 रुपये अतिरिक्त लाने का दबाव बना रहे थे। दहेज न लाने पर उसे घर से निकाल भी दिया गया था, लेकिन जब पता चला कि वह गर्भवती है, तो उसे वापस घर ले आया गया। हालांकि, पैसे की मांग और प्रताड़ना बंद नहीं हुई। पारिवारिक कलह के कारण रीना का पति अक्सर घर से बाहर रहता था, इसलिए वह अपनी पत्नी को बचाने में असमर्थ था।
दरवाजा घेरकर लगाई आग
सरकारी वकील शेख इकबाल हुसैन ने अदालत को बताया कि 27 अप्रैल 2020 को जब रीना नौ महीने की गर्भवती थीं, तब ससुराल वालों ने उनके शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। वह जान बचाने के लिए भाग न सकें, इसके लिए आरोपियों ने दरवाजा घेर रखा था। उनकी चीख-पुकार सुनकर पड़ोसियों ने आकर उन्हें बचाया और गंभीर हालत में कांथी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां इलाज के दौरान 3 मई को रीना की मौत हो गई।
अदालत का फैसला
इस जघन्य हत्याकांड में गुरुवार को कांथी अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट-2) नुरुज्जमां अली ने फैसला सुनाया। मामले में 16 गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर अदालत ने मृतका की सास नूरजहां बीबी, खालिदा बीबी और लायली बीबी को दोषी ठहराया है। अदालत द्वारा शुक्रवार को सजा का ऐलान किए जाने की संभावना है।
