जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए 8 करोड़ रुपये आवंटित, बुनियादी ढांचे में होगा सुधार





पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रशासन ने एक बड़ी पहल की है। जिले के कई जर्जर स्कूलों और मदरसों की मरम्मत और नए क्लासरूम बनाने के लिए लगभग 8 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।



जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, जिले में कई स्कूल भवनों की स्थिति काफी खराब थी। कहीं छत से प्लास्टर गिर रहा था, तो कहीं दीवारों में दरारें आ गई थीं। कक्षाओं की कमी के कारण छात्रों को एक ही कमरे में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही थी। इन समस्याओं को देखते हुए जिला परिषद और विभिन्न विभागों ने मिलकर यह धनराशि मंजूर की है।

धनराशि का विवरण:
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कुल 8 करोड़ रुपये में से बड़ा हिस्सा अल्पसंख्यक विकास विभाग द्वारा दिया गया है। विभाग ने जिले के 44 स्कूलों और मदरसों के सुधार के लिए 6 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की है। इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग से 5 स्कूलों के लिए लगभग 37 लाख रुपये और 5वें राज्य वित्त आयोग से 19 स्कूलों के लिए 1 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं।
प्रमुख कार्य योजना:
इस राशि का उपयोग मुख्य रूप से अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण और पुराने भवनों की मरम्मत में किया जाएगा।
केशपुर पंचमी जूनियर हाई स्कूल, जामिया इस्लामिया मदरसा, मेदिनीपुर शहर के घुराचक हाई स्कूल और नारायणगढ़ के आसनदा हाई स्कूल जैसे पांच शिक्षण संस्थानों में दो-दो अतिरिक्त क्लासरूम बनाने के लिए लगभग 24.64 लाख रुपये (प्रत्येक स्कूल) मंजूर किए गए हैं।
अन्य स्कूलों में एक क्लासरूम के निर्माण के लिए करीब 12.32 लाख रुपये दिए जाएंगे।
प्रशासन का बयान:
पश्चिम मेदिनीपुर जिला परिषद की सभाधिपति ने बताया कि सर्व शिक्षा मिशन से पिछले दो वर्षों में कोई भी फंड नहीं मिलने के कारण विकास कार्य रुके हुए थे। उन्होंने कहा, “हम उन स्कूलों को प्राथमिकता दे रहे हैं जिनकी स्थिति सबसे खराब है। विभिन्न विभागों और फंडों की मदद से हम धीरे-धीरे सभी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले खड़गपुर साउथ साइड प्राइमरी स्कूल की छत गिरने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद प्रशासन ने स्कूलों की सुरक्षा को लेकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इस नए आवंटन से छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
