7 साल की मासूम से दरिंदगी, कोर्ट ने दोषी को सुनाई ‘आमरण’ आजीवन कारावास की सजा






पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले की एक अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के दोषी को अंतिम सांस तक जेल में रहने (आमरण आजीवन कारावास) की सजा सुनाई है। यह फैसला कांथी अदालत ने मंगलवार को सुनाया।




क्या है पूरा मामला?

घटना अप्रैल 2022 की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 18 अप्रैल 2022 को 32 वर्षीय आरोपी शंकर डिंडा कांथी शहर में अपने एक परिचित के घर गया था। उस समय घर पर 7 साल की पीड़ित बच्ची अपनी नानी के साथ थी। बच्ची के माता-पिता और मामा घर पर मौजूद नहीं थे। बताया जा रहा है कि बच्ची की नानी ने आरोपी को बच्ची का ध्यान रखने के लिए कहा और खुद नहाने चली गईं। इसी दौरान आरोपी ने अकेलेपन का फायदा उठाकर मासूम के साथ घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। आरोपी शंकर डिंडा कांथी के कुलबनी गांव का रहने वाला है और वह पीड़ित परिवार का पूर्व परिचित था।
अदालत का फैसला
कांथी कोर्ट के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (विशेष अदालत) अजयेंद्रनाथ भट्टाचार्य ने 10 गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर शंकर डिंडा को दोषी करार दिया।
- सजा: दोषी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (ए और बी) और पॉक्सो एक्ट की धारा 6(1) के तहत दोषी ठहराया गया है। उसे ताउम्र सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।
- जुर्माना: कोर्ट ने दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
- मुर्आवाजा: इसके अलावा, न्यायाधीश ने ‘पूर्व मेदिनीपुर जिला विधिक प्राधिकरण’ (District Legal Authority) को पीड़िता को 4 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
सरकारी वकील का बयान
मामले के सरकारी वकील रामप्रद पांडा ने बताया कि घटना की शिकायत दर्ज होने के बाद 24 अप्रैल 2022 को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद से वह जेल में ही था। वहीं, अतिरिक्त लोक अभियोजक मंजूर रहमान खान ने इस फैसले को एक मिसाल बताते हुए कहा कि पॉक्सो मामले में इस तरह की सख्त सजा समाज में एक कड़ा संदेश देगी।
