December 5, 2025

क्रांतिकारियों को ‘आतंकवादी’ कहने पर विवाद, विद्यासागर विश्वविद्यालय ने मांगी माफी

0
IMG_20250710_215617

पश्चिम मेदिनीपुर के विद्यासागर विश्वविद्यालय में इतिहास  की परीक्षा के प्रश्नपत्र में स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों को “आतंकवादी” कहे जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस मुद्दे के सामने आने के बाद शिक्षा जगत सहित आम जनता में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मुद्दे को स्वीकार करते हुए बताया कि यह एक अनजाने में हुई गलती थी। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि प्रश्नपत्र तैयार करते समय उचित सावधानी नहीं बरती गई, जिसके कारण यह गलती हुई है। प्रश्न की समीक्षा की गई है और उसे पाठ्यक्रम से बाहर और आपत्तिजनक मानते हुए हटाया गया है।

विश्वविद्यालय की ओर से बयान:

“स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी कभी भी आतंकवादी नहीं थे। वे राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले संघर्षकर्ता थे। प्रश्नपत्र में उस हिस्से को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है और इसके लिए हम गहरी क्षमा प्रकट करते हैं।”

इस घटना को लेकर छात्रों के बीच भारी आक्रोश फैल गया है। छात्रों का कहना है कि जिनके बलिदान से भारत को आज़ादी मिली, उन्हें इस प्रकार की उपाधि देना बहुत ही निंदनीय है।

विशेषज्ञों की राय:

इतिहासकारों का कहना है कि इस तरह की गलत जानकारी छात्रों को गुमराह कर सकती है। इसलिए प्रश्नपत्र निर्माण में अधिक सावधानी बरतना अनिवार्य है।

🔍 संशोधित प्रमुख तथ्य:

क्रांतिकारी “आतंकवादी” नहीं थे, वे स्वतंत्रता सेनानी थे।

गलत प्रश्न के लिए विश्वविद्यालय ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।

विवादित प्रश्न को प्रश्नपत्र से हटा दिया गया है।

📌 निष्कर्ष:

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा जगत में विशेष रूप से इतिहास जैसे विषयों में अधिक सतर्कता और ज़िम्मेदारी की आवश्यकता है। विद्यासागर विश्वविद्यालय की यह माफी एक सकारात्मक कदम है, लेकिन भविष्य में ऐसी भूलों को रोकने के लिए कड़ी निगरानी आवश्यक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *