पश्चिम मेदिनीपुर में बाढ़ का कहर: 2 लाख से अधिक प्रभावित, राहत कार्य जारी






पश्चिम मेदिनीपुर, 24 जुलाई:




लगातार बारिश और डैम से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण पश्चिम मेदिनीपुर जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। अब तक की जानकारी अनुसार जिले के लगभग 2 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन और राहत दल तेजी से कार्रवाई में जुटे हुए हैं।

गर्भवती महिलाएं और सर्पदंश के मामले:
पश्चिम मेदिनीपुर केजिला शासक खुर्शीद अली कादरी के अनुसार जिले भर में 255 से अधिक गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और सभी महिलाएं स्वस्थ हैं।
इसके साथ ही 115 सर्पदंश (साँप काटने) के मामले सामने आए हैं, जिन सभी पीड़ितों को एंटी-वेनम दिया गया है और वे अब सुरक्षित हैं। एसपी धृतिमान सरकार का कहना है कि पुलिसकर्मी प्रभावित लोगो के लिए राहत कार्य में जुटी है।
राहत और पुनर्वास कार्य:
प्रशासन की ओर से अब तक निम्नलिखित राहत कार्य किए गए हैं:
50,000 टारपोलिन (तिरपाल) शीट्स का वितरण किया गया है ताकि लोग अस्थायी रूप से सुरक्षित आश्रय ले सकें।
प्रत्येक बाढ़ प्रभावित इलाके में चिकित्सा और राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
कम्युनिटी किचन के माध्यम से हजारों प्रभावित लोगों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है।
गंभीर रोगियों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष चिकित्सा टीमें तैनात की गई हैं।
प्रभावित क्षेत्र:
घाटाल, पिंगला, सबांग और नारायणगढ़ जैसे ब्लॉक सबसे अधिक प्रभावित हैं।
अब तक 188 गांव जलमग्न हो चुके हैं।
2207 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं।
कई ग्रामीण सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे संपर्क बाधित हुआ है।
प्रशासन की सक्रियता:
जिला प्रशासन की ओर से स्पीडबोट्स, मोबाइल हेल्थ यूनिट और निगरानी टीमें तैनात की गई हैं।
55 मीट्रिक टन चावल, हजारों टारपोलिन और कपड़े वितरित किए जा चुके हैं।
DVC (Damodar Valley Corporation) द्वारा अचानक छोड़े गए अतिरिक्त जल के कारण बाढ़ की स्थिति और भी विकराल हो गई है।
कारण और चिंताएं:
राज्य सरकार का आरोप है कि DVC ने केंद्र के आदेश पर अचानक पानी छोड़ा, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। विशेषज्ञों का मानना है कि हर साल इस तरह की बाढ़ से बचने के लिए स्थायी समाधान और जल प्रबंधन प्रणाली तैयार करना अनिवार्य है।
मंत्री और प्रशासन की भूमिका:
जल संसाधन मंत्री मानश रंजन भुइयां ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और त्वरित राहत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक सहायता और बाढ़ से राहत के लिए विशेष पैकेज की मांग की है।
निष्कर्ष:
पश्चिम मेदिनीपुर में बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन की तत्परता और जनसहयोग से राहत कार्य जोरों पर है, लेकिन प्रभावित लोगों को सामान्य जीवन में लौटने में अभी समय लगेगा। आने वाले समय में अगर प्रभावी जल नियंत्रण व्यवस्था और स्थायी उपाय नहीं किए गए, तो हर साल इस तरह की स्थिति सामने आ सकती है।
