किसानों का हंगामा – मुआवज़े की राशि गलत अकाउंट में जाने पर विरोध तेज़






पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर ज़िले में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। किसानों का आरोप है कि सरकार की ओर से मिलने वाली मुआवज़े की राशि उनके बैंक खातों में जाने के बजाय ग़लत खातों में जमा हो रही है। इस गड़बड़ी को लेकर ग्रामीण इलाक़ों में प्रदर्शन शुरू हो गया है।




🔍 क्या है मामला?

किसानों का दावा है कि फसल नुकसान, बीज और खाद सब्सिडी या सरकारी राहत योजनाओं की रकम उनके खाते तक नहीं पहुँच रही।
कई मामलों में यह राशि किसी और के खाते में ट्रांसफ़र हो रही है, जिससे असली हक़दार किसान वंचित रह जा रहे हैं।
बार-बार शिकायत करने के बावजूद समाधान न मिलने पर किसानों ने प्रशासन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन तेज़ कर दिया।
🚜 किसानों की माँग:
1️⃣ हर किसान को उसका हक़ का पैसा सीधे उसके बैंक खाते में पहुँचे।
2️⃣ जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह गड़बड़ी हुई, उन पर कार्रवाई की जाए।
3️⃣ असली नुकसान झेलने वाले किसानों को अतिरिक्त मुआवज़ा दिया जाए।
🏢 प्रशासन की सफ़ाई:
स्थानीय प्रशासन ने स्वीकार किया है कि भुगतान प्रक्रिया में तकनीकी खामियां हुई हैं और जांच के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक़, लाभार्थियों की लिस्ट दोबारा चेक की जा रही है और गाँव-गाँव जाकर असली पीड़ित किसानों की पहचान की जा रही है।
⚠️ ग्रामीण इलाक़ों में चिंता का माहौल:
मुआवज़ा न मिलने की वजह से गरीब किसान आर्थिक तंगी में फँसते जा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर यह समस्या जल्दी हल नहीं हुई, तो उनकी खेती और जीवन दोनों पर बुरा असर पड़ेगा।
✍️ निष्कर्ष:
किसानों का साफ़ कहना है कि सरकार को तुरंत व्यवस्था सुधारनी होगी और भुगतान में पारदर्शिता लानी होगी। वहीं प्रशासन का कहना है कि जल्दी ही समाधान निकाला जाएगा। तब तक किसान धरना-प्रदर्शन और अपनी आवाज़ बुलंद करते रहने के मूड में हैं।
