जंगलमहल में हाथियों का आतंक, अलग-अलग हमलों में दो लोगों की दर्दनाक मौत






पश्चिम बंगाल के जंगलमहल इलाके में हाथियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम मेদিনীपुर और झाड़ग्राम जिलों में महज कुछ ही घंटों के भीतर हाथियों के हमले की दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की जान चली गई। मृतकों में एक पुरुष और एक बुजुर्ग महिला शामिल हैं। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।




पहली घटना: ग्वालतोड़ में अधेड़ की मौत

वन विभाग और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पहली घटना सोमवार रात को पश्चिम मेদিনীपुर जिले के ग्वालतोड़ थाना क्षेत्र में घटी। नयाबसत रेंज के बागाखुलिया इलाके में रात करीब 8:30 से 9:00 बजे के बीच मोहन सोरेन (55) नामक एक व्यक्ति दल से बिछड़े एक हाथी के सामने आ गए। हाथी के हमले में उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
मोहन सोरेन भातुरबांधी इलाके के रहने वाले थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भेज दिया। वन विभाग ने मृतक के परिवार को सरकारी नियमानुसार 5 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा देने की घोषणा की है।
दूसरी घटना: कलाईकुंडा में महिला की जान गई
अभी पहली घटना का शोक थमा भी नहीं था कि मंगलवार तड़के एक और दुखद खबर सामने आई। खड़गपुर वन प्रभाग के कलाईकुंडा रेंज के कुलटिकरी इलाके (झाड़ग्राम सीमा से सटा हुआ) में हाथी के हमले में 50 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह हमला भी एक अकेले हाथी द्वारा किया गया था। फिलहाल महिला की पहचान सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है।
वन विभाग की कोशिशें नाकाम?
जंगलमहल में हाथी-मानव संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग ने हाल ही में थर्मल ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल शुरू किया था ताकि हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके बावजूद, कुछ ही घंटों के अंतराल में दो लोगों की मौत ने सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में वन विभाग के प्रति नाराजगी और डर दोनों देखा जा रहा है।
