अंतिम संस्कार के पहले तांत्रिक बाबा की लाश को पुलिस ने लिया कब्जे में, कराया अंत्यपरीक्षण, पांचबेड़िया के बाबा की उड़ीसा में हुई थी मौत

रघुनाथ प्रसाद साहू/9434243363

खड़गपुर, अंतिम संस्कार के पहले ही खड़गपुर शहर थाना पुलिस बाबा की लाश को अपने में ले अंत्यपरीक्षण कराया। जानकारी के मुताबिक पांचबेड़िया के रहने वाले बाबा मोहर्रम के समय उड़ीसा गया था जहां उसकी मौत हो गई। चेलों को घटना की जानकारी मिली तो बाबा के शव को उड़ीसा से लाकर खड़गपुर में अंतिम संस्कार की योजना बना ली थी पर पुलिस को खबर मिली तो पुलिस खड़गपुर बस स्टैंड इलाके से बबा के शव को बरामद कर चांदमारी ले गई व अंत्यपरीक्षण करा दिया। चूंकि चेले बाबा के आधार कार्ड वगैरह देने में असफल रहे व उसके लाश का दावा करने कोई नहीं आया इसलिए पुलिस ने अज्ञात लाश का मामला मान अंत्यपरीक्षण करा शव को चांदमारी में रखा है। पुलिस का कहना है कि बाबा मूलत: उड़ीसा के ही रहने वाले थे व बीते कई सालों से खड़गपुर के पांचबेड़िया मे ही रहने वगे थे. यहीं कई चेला भी बना लिए थे व ताबीज वगैरह  बेचकर जीविका पालन करते थे  जिसके कारण चेले यहीं उसकी अंतिम संस्कार करना चाहते थे पर पुलिस ने इसे विफल कर दिया।

टाटा से शव को बरामद कर कराया अंत्यपरीक्षण विवाहिता की हुई थी रहस्यमय मौत

ज्ञात हो कइ इससे पहले वार्ड 27 के सीआरनगर में भी कुछ ऐसी ही घटना घटी थी बीते 31 अगस्त को खड़गपुर के सीआऱएगर टुरीपाड़ा में रहने वाली 25 वर्षीय महिला अपने पति व परिजनों के साथ ससुराल टाटा गई थी जहां उसकी मौत हो गई पति का कहना है कि बासंती के पेट में दर्द हुआ जिसके बाद उसे टाटा के लरकारी अस्पताल एमजीएम ले गया था जहां बासंती ने दम तोड़ दिया जिसके बाद वे लोग अपने घऱ शव को ले आए लेकिन टुरीपाड़ी के कुछ युवकों को जब घटना की जानकारी मिली तो मेटाडोर से बासंती का लाश को बड़ाबांकी सेर खड़गपुर ले आए व 1 अगस्त को अंत्यपरीक्षण कराना चाहा लेकिन डाक्टर ने शव में आए सड़ांध के कारण मेदिनीपुर रेफर कर दिया जहां 2 अगस्त को पोस्टमार्टम हुआ। बासंती के विजय पति व मां पारुल का कहना है कि बासंती की तबियत बिगड़ने से मौत हुई पर टुरीपाड़ी इलाके के कई लोगों को इस पर संदेह है। अब अंत्यपरीक्षण रपट आने पर ही पता चलेगा पुलिस रहस्यमय मौत का मामला दर्ज कर मामले की जांच कर रही है टुरी पाड़ा निवासी काशी विश्वनाथ के अनुसार लड़का अपनी पत्नी के साथ खड़गपुर के टुरीपाड़ी में ही रहता था व मजदूरी करता था बासंती जब यहां से गई तो ठीक थी आखिर उसकी मौत कैसे हुई यह रहस्य बना हुआ है।

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