चक्रवात ‘शक्ति’ का कहर: पश्चिम बंगाल में संभावित असर और प्रशासन की तैयारियाँ






बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात ‘शक्ति’ लगातार ताकतवर होता जा रहा है और इसके पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी भारत के तटीय इलाकों पर असर डालने की संभावना बढ़ गई है। मौसम विभाग की ताज़ा जानकारी के अनुसार, यह चक्रवात सबसे पहले ओडिशा के भद्रक तट पर दस्तक दे सकता है, जिसके बाद इसका रुख बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह की ओर हो सकता है।




चक्रवात की रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँचने की आशंका है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में तेज़ हवाएँ और भारी बारिश होने की संभावना है। पश्चिम बंगाल के पूर्व और दक्षिण 24 परगना, पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा और हुगली जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रशासन ने तटीय इलाकों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है और संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, और नौका चलाने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ‘शक्ति’ चक्रवात का असर अगले 48 घंटों तक रह सकता है। इस दौरान नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है और निचले इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
जनता से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की ताज़ा जानकारी पर नज़र रखें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।
यह चक्रवात मानसून के आगमन से पहले एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है, जिससे निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार रहने का दावा कर रही है।
