भारत-अमेरिका व्यापार संबंध: क्या ट्रेड रुकने से भारत को होगा बड़ा नुकसान?






14 मई 2025:




भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध वर्षों से मजबूत रहे हैं। लेकिन अगर किसी कारणवश अमेरिका भारत के साथ व्यापार बंद कर दे, तो इसका असर दोनों देशों पर होगा — खासकर भारत पर। यह सवाल अब चर्चा में है कि क्या भारत सिर्फ अमेरिका पर व्यापार के लिए निर्भर है या उसके पास और विकल्प भी मौजूद हैं?

भारत-अमेरिका व्यापार का मौजूदा परिदृश्य
अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच सालाना 200 अरब डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार होता है। भारत अमेरिका को वस्त्र, दवाइयाँ, रत्न एवं आभूषण, ऑटो पार्ट्स और आईटी सेवाएं निर्यात करता है। वहीं अमेरिका से भारत मुख्य रूप से रक्षा उपकरण, विमान, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि उत्पाद और ऊर्जा से जुड़ी चीजें आयात करता है।
क्या भारत अमेरिका पर निर्भर है?
हालांकि अमेरिका एक प्रमुख सहयोगी है, लेकिन भारत ने पिछले एक दशक में व्यापारिक विविधता की नीति अपनाई है। भारत के अन्य बड़े व्यापारिक साझेदारों में चीन, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, यूरोपीय संघ और सऊदी अरब शामिल हैं। भारत ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों से वैश्विक निर्भरता को कम करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।
पाकिस्तान और अमेरिका का व्यापार
जहां भारत और अमेरिका के बीच अरबों डॉलर का व्यापार होता है, वहीं पाकिस्तान के साथ अमेरिका का व्यापार बहुत सीमित है। दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार मात्र 7 से 8 अरब डॉलर के आसपास होता है।
संभावित असर
अगर अमेरिका भारत से व्यापार बंद कर देता है, तो अल्पकालिक झटका जरूर लगेगा — खासकर टेक्नोलॉजी, फार्मा और आईटी सेक्टर को। लेकिन भारत का विविध व्यापार ढांचा और मजबूत घरेलू बाजार उसे दीर्घकाल में संभालने की क्षमता देता है।
निष्कर्ष
भारत और अमेरिका का व्यापार दोनों देशों के लिए लाभकारी है। जबकि अमेरिका का समर्थन भारत के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन भारत अब एक ऐसा राष्ट्र बन चुका है जो कई वैश्विक साझेदारों के साथ मिलकर अपने आर्थिक हितों को साध सकता है। व्यापार बंद होने की स्थिति कठिन हो सकती है, लेकिन भारत के पास उसे संभालने के विकल्प मौजूद हैं।
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