भारत की नई रणनीति: अब जल के बाद बिजली के मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरने की तैयारी





भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चला आ रहा सिंधु जल विवाद एक बार फिर चर्चा में है। ताजा जानकारी के अनुसार, भारत ने अब जल आपूर्ति के बाद बिजली के मोर्चे पर भी पाकिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति तैयार की है। यह कदम न केवल भारत की आंतरिक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में उठाया जा रहा है, बल्कि इसके रणनीतिक प्रभाव भी व्यापक हो सकते हैं।



भारत की योजना: नहर और बिजली परियोजनाओं का विस्तार

भारत जम्मू-कश्मीर में नई जलविद्युत परियोजनाएं विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। इन परियोजनाओं से बिजली उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। इसके अलावा, चिनाब नदी से पानी मोड़ने के लिए रणबीर नहर के विस्तार की योजना भी बनाई गई है, जिससे भारत को अधिक मात्रा में जल नियंत्रण की क्षमता मिलेगी।
पाकिस्तान पर संभावित असर:-
सिंधु नदी प्रणाली पाकिस्तान के कृषि और ऊर्जा उत्पादन की रीढ़ मानी जाती है। भारत द्वारा पानी के प्रवाह में किसी भी तरह की कटौती से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध क्षेत्रों की सिंचाई व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। साथ ही, पाकिस्तान के कई जलविद्युत संयंत्रों की निर्भरता भी इन्हीं नदियों पर है।
कूटनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना:-
इस कदम के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ सकता है। पाकिस्तान की ओर से पहले ही सिंधु जल संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसका समाधान तलाशने की बात कही गई है।
निष्कर्ष:-
भारत की यह नई रणनीति उसके जल और ऊर्जा संसाधनों के अधिकतम उपयोग की ओर संकेत करती है। हालांकि, इससे क्षेत्रीय स्थिरता पर असर पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि दोनों देश इस विवाद का समाधान बातचीत से निकालते हैं या यह मुद्दा और गहराता है।
