डीआरएम बंगले का घेराव को लेकर तनाव, डीआरएम के वाहन को रोकने की कोशिश, आंदोलनकारी व सुरक्षा कर्मियों के बीच धक्का मुक्की, टीएमसी नेता अस्पताल में भर्ती






खड़गपुर, टीएमसी समर्थित खड़गपुर बस्ती बचाओ संग्राम कमेटि की ओर से आज खड़गपुर डीआरएम बंगला का घेराव किया गया। इस दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।





आंदोलन सुबह में शुरु हुई लेकिन डीआरएम जैसे ही अपने गाड़ी से घर से निकले टीएमसी समर्थकों ने वाहन के समक्ष आने की कोशिश की जिसे लेकर आरपीएफ व आंदोलनकारियों के बीच धक्का मुक्की हुई जिसमें कई नेताओं के अस्वस्थ होने की खबर है। युवा नेता असित पाल को चांदमारी उपचार के लिए ले जाया गया। टीएमसी का आरोप है कि आऱपीएफ ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज की जिससे उसके नेता घायल हुए। टीएमसी सांसद जून मालिया ने भी लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए घटना को लेकर पोस्ट की है व रेल प्रशासन की आलोचना की है।

इससे पहले कल से ही आंदोलन के मदद्नेजर रेल प्रशासन ने डीआरएम बंगला के आसपास के इलाकों को घर दिया था ताकि कोई अप्रिय घटना ना घटे। सुबह टीन के दीवार से बंद रास्ता को देख टीएमसी नेता ने डीआरएम के आऱ चौधरी को आड़े हाथों लिया व कापुरुष बताते हुए कहा कि किसी भी तरह के रास्ता बंद करने का विरोध किया जाएगा।
देबाशीष चौधरी ने भाजपा नेता को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा नेता डीआरएम को उत्तरीय पहना सम्मान कर रहेहैं वमेदिनीपुर से बयान जारी करते हुए केंद्रीय बल लाकर आंदोलनकारियों से निबटने की बात कर रहे हैं उन्होने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि बयान देने वाले भाजपा नेता का हाथ पांव तोड़ दियाजाएगा। किसी भी कीमत में अतिक्रमण हटाने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने डीआरएम के आर चौधरी के पदत्याग की मांग की।

आंदोलन कारियों ने डीआरएम के खिलाफ स्लोगन लगे तख्ती लगा रखे थे व डीआरएम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उसके तबादले की मांग दोहराई ज्ञात हो कि आंदोलन कारी पुरी गेट रेल इलाके में अतिक्रमण कारियों को हटाने का विरोध कर रहे हैं। सुबह से ही पूरे क्षेत्र को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और रेलवे सुरक्षा विशेष बल (RPSF) के जवानों ने घेर लिया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी से इलाके में तनावपूर्ण शांति देखी गई। प्रशासन ने DRM बंगले के चारों ओर बैरिकेडिंग कर आम आवाजाही बंद कर दी, जिससे बंगले के दोनों ओर जाने वाले रास्ते पूरी तरह अवरुद्ध हो गए।
इस प्रदर्शन को लेकर पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
रेल प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. खबर लिखे जाने आंदोलन जारी है।


