December 5, 2025

जंगलमहल की स्वास्थ्य उम्मीदों को ध्वस्त कर रहे कुछ अधिकारी: शालबनी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की हालत बद से बदतर

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शालबनी, पश्चिम मेदिनीपुर:

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जंगलमहल के विकास के लिए सपने के रूप में स्थापित शालबनी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल आज भ्रष्टाचार और कुछ अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। यह अस्पताल कभी कोरोना महामारी के समय लेवल फोर कोविड हॉस्पिटल के रूप में लोगों की जान बचाने में अग्रणी भूमिका निभा चुका है। परंतु अब अस्पताल की मूलभूत सुविधाएँ एक-एक कर गायब होती जा रही हैं।

 

बिना कागजातों के जब्त किया गया USG मशीन

आज, शालबनी बीडीओ के नेतृत्व में अस्पताल से JSW द्वारा प्रदान की गई USG मशीन को बिना किसी लिखित आदेश या कागजी प्रक्रिया के बाहर ले जाया गया। जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और अधिकारियों को घेरा, तो उन्हें डरा-धमकाकर चुप कराया गया और मशीन को जबरन अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया।

 

 मुख्यमंत्री द्वारा दी गई एम्बुलेंस भी लापता

27 मई 2023 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं शालबनी अस्पताल को एक नई एम्बुलेंस प्रदान की थीं। लेकिन आज उस एम्बुलेंस का अस्पताल में कोई अता-पता नहीं है।

डायलिसिस मशीन का भी अता-पता नहीं

करीब एक साल पहले अस्पताल से डायलिसिस मशीन को इसी तरह स्थानांतरित कर दिया गया था। उस समय जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने स्वयं भरोसा दिलाया था कि मशीन लौटाई जाएगी, लेकिन आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला।

JSW द्वारा दान किए गए उपकरणों की चोरी

JSW की ओर से अस्पताल को दिए गए कई महत्वपूर्ण उपकरण, कंप्यूटर और अन्य सामग्री बिना किसी सरकारी अनुमति या सूचना के अस्पताल प्रशासन द्वारा गायब कर दिए गए हैं। इनका कोई दस्तावेज राज्य सरकार के पास उपलब्ध नहीं है।

स्थायी सुपर की नियुक्ति नहीं

पिछले चार वर्षों से इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को कोई स्थायी सुपर नहीं दिया गया है। मुख्यमंत्री की स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अधिकारी उनकी बातों की उपेक्षा कर रहे हैं। डॉक्टरों की उदासीनता और प्रशासन की मिलीभगत से यह अस्पताल लगातार पिछड़ता जा रहा है।

जनता से अपील:

शालबनी अस्पताल जंगलमहल के विशाल इलाके के लाखों लोगों के लिए एकमात्र भरोसेमंद चिकित्सा केंद्र है। ऐसे में इस अस्पताल की उपेक्षा न केवल प्रशासनिक विफलता है, बल्कि जंगलमहल की आम जनता के स्वास्थ्य अधिकारों का खुला उल्लंघन भी है।

हम सभी नागरिकों से निवेदन करते हैं कि वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं और अपने अस्पताल को बचाने के लिए एकजुट हों।

 

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