गाज़ा पर इज़रायली हवाई हमले में 100 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत, मृतकों में कई सहायता प्राप्त करने वाले भी शामिल
गाज़ा पट्टी में इज़राइल द्वारा किए गए ताज़ा हवाई हमलों में कम से कम 102 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए, जिनमें 27 से अधिक लोग वे थे जो मानवीय सहायता लेने पहुँचे थे।
स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय और चश्मदीदों के अनुसार, रफ़ा के अल-शाकूश क्षेत्र में स्थित एक सहायता वितरण केंद्र के बाहर उस समय गोलियां चलाई गईं जब बड़ी संख्या में लोग भोजन और दवाओं के लिए एकत्र हुए थे। इसमें 27 लोगों की मौत और 180 से अधिक घायल हुए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, 5 मई से 2 जुलाई 2025 तक, गाज़ा में सहायता वितरण स्थलों के आस-पास हुई हिंसक घटनाओं में 798 लोगों की जान गई और हजारों घायल हुए। केवल GHF (गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन) की सहायता केंद्रों के पास ही 615 से अधिक लोग मारे गए।
📍 हमले किन-किन जगहों पर हुए?
इज़रायली सेना ने गाज़ा के उत्तर में जबालिया, शति शरणार्थी शिविर, खान यूनुस, और देइर अल-बलाह जैसे इलाकों में भारी बमबारी की। हमले में कई मकान तबाह हुए, और दर्जनों परिवारों के लोग मलबे में दबे पाए गए।
इस्लामिक यूनिवर्सिटी के पास एक हमले में एक माँ और उसके तीन बच्चों की मौत हो गई।
🚨 सहायता केंद्र बना “मौत का फंदा”?
मानवाधिकार संगठनों ने चेताया है कि फिलिस्तीनी आम नागरिक भूख और जीवन रक्षा की तलाश में “मौत के फंदे” में फँस रहे हैं। सहायता के लिए लाइन में खड़े होने के बावजूद, उन्हें सुरक्षा नहीं मिल रही।
इज़राइल की सेना का कहना है कि अधिकतर गोलियां “चेतावनी स्वरूप” चलाई गई थीं, या कुछ मामलों में आत्मरक्षा में की गईं जब भीड़ बहुत करीब आ गई।
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र और अन्य राहत संगठनों ने इज़राइल से GHF के वितरण प्रणाली को तत्काल रोकने का आग्रह किया है।
वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल के बीच एक 60-दिन की संघर्षविराम योजना की चर्चा हो रही है, लेकिन हमास और इज़राइल के बीच राजनीतिक शर्तों पर सहमति नहीं बन पाई है।
ट्रंप और नेतन्याहू के बीच हुई बातचीत के बाद युद्धविराम का एक खाका तैयार किया गया था, लेकिन अब तक उसे कोई ठोस रूप नहीं दिया जा सका है।
📝 निष्कर्ष:
इज़रायली हमलों में अब तक कुल 57,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
गाज़ा में मानवीय संकट गंभीर रूप ले चुका है: न तो पर्याप्त भोजन है, न पानी, और अस्पताल भी ठप हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर अब गाज़ा में तत्काल युद्धविराम सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ रहा है।