नाराजोल राज कॉलेज: पूर्व छात्रों की ‘दादागिरी’ से चिंतित छात्र और शिक्षक






पश्चिम मेदिनीपुर के नाराजोल राज कॉलेज में छात्रों और शिक्षकों के बीच चिंता का माहौल है, क्योंकि कॉलेज में एक प्रभावशाली पूर्व छात्र की दबदबे वाली भूमिका लगातार बनी हुई है। आरोप है कि तृणमूल विधायक ममता भुइयाँ के बेटे कुमारेश भुइयाँ — जिनकी छवि इलाके में ‘दादा’ के रूप में है — कॉलेज के हर महत्वपूर्ण निर्णय में हस्तक्षेप कर रहे हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि कॉलेज के रोजमर्रा के संचालन से लेकर कैजुअल कर्मचारी की भर्ती, सामग्री की खरीदारी और यहां तक कि रूम मैनेजमेंट तक सब कुछ उनके इशारे पर होता है।




कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य बसुदेव मंडल ने बताया कि उनके कार्यभार सँभालने के बाद से किसी भी कैजुअल कर्मचारी की भर्ती नहीं हुई है और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि वह अब चाय की दुकान से भी कॉलेज को निर्देशित करते हैं। दूसरी ओर, कुमारेश भुइयाँ का दावा है, “मैं कॉलेज गवर्निंग बॉडी की बैठक के अलावा कॉलेज में नहीं जाता… सारे आरोप झूठे हैं।”

सूत्रों के अनुसार, कॉलेज में स्थायी शिक्षक केवल चार हैं, जबकि 23 कैजुअल कर्मचारी हैं, जिनमें से ज़्यादातर राजनीतिक रूप से जुड़े हुए हैं। SFI के जिला सचिव रोनित बेरा का कहना है, “नाराजोल कॉलेज में कुमारेश की अनुमति के बिना कोई काम नहीं होता… हम चाहते हैं कि कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव दोबारा शुरू हो।”
छात्र और शिक्षक अब उम्मीद कर रहे हैं कि कॉलेज से ‘दादागिरी’ का प्रभाव हटे और एक स्वस्थ शैक्षणिक माहौल लौटे। उनका मानना है कि यह स्थिति ‘कैम्पस लोकतंत्र’ की कमी को दर्शाती है, जिसे एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रशासन ही बदल सकता है।
