ब्रिक्स सम्मेलन में वैश्विक ‘डबल स्टैंडर्ड’ पर प्रधानमंत्री मोदी हुए मुखर ग्लोबल साउथ के प्रति भेदभाव पर चिंता, न्यायसंगत और समावेशी भविष्य का प्रधानमंत्री का आह्वान
ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर जारी ‘डबल स्टैंडर्ड’ यानी दोहरे मापदंडों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि दुनिया के दक्षिणी गोलार्ध के देश अब भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई बार अन्यायपूर्ण व्यवहार का शिकार हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “ग्लोबल साउथ के देशों को जो भेदभाव और पक्षपातपूर्ण नीतियाँ झेलनी पड़ रही हैं, वह अब और स्वीकार्य नहीं है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम एक समावेशी, न्यायपूर्ण और टिकाऊ भविष्य के लिए मिलकर काम करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान वैश्विक व्यवस्था ऐसे एक मोड़ पर है, जहाँ विकासशील देशों की मांगों को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक हो गया है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार से लेकर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों तक—हर क्षेत्र में विकासशील देशों को समान अवसर और सम्मान दिया जाना चाहिए।
ब्रिक्स के अन्य सदस्य देशों से प्रधानमंत्री मोदी ने आग्रह करते हुए कहा, “हमें आपसी एकता और सहयोग को बढ़ाकर वैश्विक स्तर पर वास्तविक संतुलन लाना होगा। एकजुट होकर ही हम परिवर्तन के रास्ते को प्रशस्त कर सकते हैं।”
प्रधानमंत्री का यह भाषण मौजूदा भू-राजनीतिक संदर्भ में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया भर में शक्ति संतुलन और न्याय की मांग लगातार तेज हो रही है।