SSC परीक्षा में कुप्रबंधन को लेकर दिल्ली में बवाल – छात्रों‑शिक्षकों पर लाठीचार्ज, आंदोलन तेज






स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) की सेलेक्शन पोस्ट फेज‑13 परीक्षा में बार‑बार पेपर लीक, परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी और अचानक परीक्षा रद्द होने जैसे मामलों ने देशभर के लाखों छात्रों और शिक्षकों का गुस्सा भड़का दिया। इसी मुद्दे पर आज दिल्ली के जंतर‑मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स में हजारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा होकर “दिल्ली चलो” का नारा लगाते हुए सरकार और SSC प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं।




📌 क्या है छात्रों का आरोप?

#SSCMisManagement और #SSCVendorFailure जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं।
छात्रों का आरोप है कि SSC ने प्राइवेट वेंडर को परीक्षा संचालन का जिम्मा सौंपा, जिसने बार‑बार सिस्टम फेल, सर्वर डाउन और एडमिट कार्ड संबंधी परेशानियां पैदा कीं।
कई परीक्षा केंद्रों पर पेपर लीक, डमी स्टूडेंट और सुरक्षा में लापरवाही के मामले सामने आए।
छात्रों को सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र अलॉट किए गए और बिना सूचना दिए कई परीक्षाएं अचानक रद्द कर दी गईं।
🚩 कैसे भड़का आंदोलन?
“दिल्ली चलो” आंदोलन की अपील जैसे ही हुई, देशभर से छात्र‑शिक्षक दिल्ली पहुंचे। जंतर‑मंतर पर बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा होते ही माहौल गरमा गया। प्रदर्शनकारी SSC प्रशासन से पारदर्शिता, वेंडर को हटाने और इन‑हाउस एग्जाम सिस्टम बनाने की मांग कर रहे थे।
इसी बीच पुलिस ने भीड़ को तितर‑बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। वायरल वीडियो में देखा गया कि कई महिला शिक्षकों को चोट लगी, एक शिक्षिका का हाथ टूट गया और विकलांग उम्मीदवारों तक को बख्शा नहीं गया।
📢 प्रदर्शनकारियों की मांग:
1. SSC की परीक्षा में पारदर्शिता और मजबूत प्रणाली लागू हो।
2. बार‑बार फेल हो रहे वेंडर को हटाकर नई व्यवस्था बनाई जाए।
3. रद्द हुई परीक्षाओं का जल्द पुनः आयोजन हो और आर्थिक नुकसान की भरपाई की जाए।
🎥 वीडियो और सोशल मीडिया पर गुस्सा:
सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल होते ही #SSCMisManagement ट्रेंड करने लगा। देशभर से लोग छात्रों के समर्थन में उतर आए। कई कोचिंग संस्थानों के टीचर्स जैसे नीतू मैम और अन्य शिक्षकों के घायल होने की तस्वीरें ने नेटिज़न्स को झकझोर दिया।
🔚 निष्कर्ष
31 जुलाई 2025 का यह दिन SSC की भर्ती प्रणाली के लिए चेतावनी की तरह है। छात्रों और शिक्षकों का गुस्सा अब केवल परीक्षा से जुड़ी समस्याओं तक सीमित नहीं है—वे सिस्टम में सुधार, जिम्मेदारी तय करने और न्याय की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली की सड़कों पर गूंजता “दिल्ली चलो” का नारा अब प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि क्या मौजूदा परीक्षा ढांचा छात्रों का भरोसा कायम रख पा रहा है या नहीं।
