December 5, 2025

बेबी कोले ने कोर्ट से अग्रिम ज़मानत मिलने के बाद उठाई आवाज़, पार्टी नेताओं पर लगाया गंभीर आरोप

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तृणमूल से निष्कासित नेता बेबी कोले एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पश्चिम मिदनापुर जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा उन्हें मारपीट और उत्पीड़न के एक मामले में शर्तों के साथ अग्रिम ज़मानत मिलने के बाद, उन्होंने अपने ही पूर्व पार्टी नेताओं पर तीखे आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ वाम नेता अनिल दास को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि 30 जून को खड़गपुर के खरिदा इलाके में वामपंथी नेता अनिल दास उर्फ ‘भीमदा’ पर हमले का आरोप बेबी कोले पर लगा था। गुरुवार को अदालत ने बेबी को शर्तसहित ज़मानत दी, जिसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि वे कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।

अनिल दास के घर पहुंची पुलिस:

शुक्रवार को खड़गपुर टाउन थाने की पुलिस अनिल दास के निवास पर पहुंची और घटना से जुड़ी कई वस्तुएं – जैसे कि घटना के दिन पहने गए शर्ट, पैंट और टोपी – ज़ब्त की। साथ ही, अनिल ने पुलिस को एक पेन ड्राइव सौंपी जिसमें कथित हमले और बेबी कोले की गतिविधियों से जुड़ा वीडियो फुटेज मौजूद है।

बेबी कोले का पलटवार:

अदालत से ज़मानत मिलते ही बेबी कोले अपने वकील ललित जॉयस्वाल के चैंबर में पहुंचीं, उन्हें माला पहनाई और मिठाई खिलाई। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें भी कई बार उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है। उनके मुताबिक, उनके घर की केबल लाइन काट दी गई, सीसीटीवी बंद कर दिया गया और उनकी 95 वर्षीय मां को परेशान किया गया।

उन्होंने भुजंग राव (बुज्जी) पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनसे लाखों रुपये लिए और फिर राजेश को ज़मीन बेच दी। उन्होंने कहा कि अनिल दास, बुज्जी, राजेश साहू और दुर्गा साहू उनके उत्पीड़न के पीछे हैं। बेबी ने स्पष्ट किया, “मैं कानूनी तरीके से लड़ाई लड़ूंगी।”

राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप:

बेबी ने दावा किया कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है, इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। फिर भी उन्हें क्यों निष्कासित किया गया? इस पर उन्होंने कहा, “खड़गपुर और मिदनापुर में पार्टी के कुछ बिक चुके नेता हैं, जो पैसे लेकर इस सबके पीछे हैं। मुझे किसी का डर नहीं, मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी को देखकर पार्टी में आई थी। मैंने शो-कॉज़ नोटिस का जवाब भी दिया था, जिसमें साफ लिखा था कि सबकुछ लिखित में नहीं बताया जा सकता। फिर भी मुझे पार्टी की तरफ से कोई बुलावा क्यों नहीं दिया गया?”

पार्टी और वकील का बयान:

मिदनापुर जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष सुजॉय हाजरा ने प्रतिक्रिया दी, “बेबी कोले अब हमारी पार्टी की सदस्य नहीं हैं। उन्हें पहले ही पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। इसलिए वे क्या कह रही हैं या नहीं कह रही हैं, इस पर पार्टी की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।”

वहीं, बेबी कोले के वकील ललित जॉयस्वाल ने कहा, “अनिल दास पर नौकरी के नाम पर पैसे लेने और महिलाओं से बदसलूकी करने के गंभीर आरोप हैं। फिर उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जाता? हम पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर उनकी गिरफ्तारी की मांग करेंगे।”

ललित जॉयस्वाल ने यह भी बताया कि अनिल ने उन्हें ‘फर्ज़ी वकील’ कहा, इसलिए वे उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करेंगे।

अनिल दास की प्रतिक्रिया:

अनिल दास ने कहा, “मैंने हाईकोर्ट में एक मामला दर्ज किया है और अब मैं वहां जाकर बेबी कोले की ज़मानत का विरोध करूंगा। अगर दूसरे लोग मेरे खिलाफ अदालत जाना चाहते हैं, तो वे स्वतंत्र हैं। अदालत तो सभी के लिए खुली है।”

इस घटनाक्रम के साथ पश्चिम मिदनापुर की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। बेबी कोले की कानूनी लड़ाई और उनके द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप आने वाले दिनों में कई और नए मोड़ ला सकते हैं।

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