December 5, 2025

क्या भारत की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी जासूस थीं? पुलिस को मिले अहम सबूत

0
Screenshot_2025-08-16-18-59-11-373-edit_com.google.android.googlequicksearchbox

पहेलगाम में हुई आतंकी वारदात के तुरंत बाद, एक भारतीय यूट्यूबर—ज्योति मल्होत्रा—को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। तीन महीनों की जांच के बाद, पुलिस ने इस मामले में 2,500 पेज का चार्जशीट दायर किया है, जिसमें आरोपों को पुष्ट करने वाले ठोस सबूत मौजूद हैं ।

ज्योति मल्होत्रा, जो “Travel with JO” नामक यूट्यूब चैनल संचालित करती थीं, हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं। पुलिस के मुताबित, उनका पाकिस्तान स्थित एक उच्चायोग के अधिकारी से नियमित संपर्क था, और वह कम से कम दो बार पाकिस्तान यात्रा कर चुकी हैं ।

चार्जशीट के अनुसार, ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े एजेंटों—साकिर, हसन अली और नासिक ढिलों—के साथ समय-समय पर संपर्क में थीं। विशेष रूप से, उन्हें 17 अप्रैल, 2024 को पाकिस्तान जाना, 15 मई को भारत लौटना और फिर 10 जून को चीन की यात्रा करना जैसी गतिविधियों का विवरण चार्जशीट में शामिल है; यह यात्रा जुलाई तक जारी रही। इसके बाद उनका नेपाल भी जाने का जिक्र है ।

दिलचस्प बात यह है कि दावा किया गया है कि उक्त दौरान उन्होंने पाकिस्तान के पंजाब के मुख्यमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी, मरियम नवाज शरीफ से मुलाकात की और उनका साक्षात्कार भी लिया। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि उनके पास भारतीय सेना की किसी भी आंतरिक जानकारी का सीधे तौर पर स्रोत नहीं था ।

यह मामला पहले से ही राष्ट्रीय ध्यान का केंद्र बना हुआ है। इससे पहले, अन्य समाचार स्रोतों ने इस मामले के विविध पहलुओं को उजागर किया है:

आर्थिक टाइम्स (The Economic Times) के अनुसार, ज्योति एक 34 वर्षीय बाल यात्रा ब्लॉगर हैं, जिन्होंने “Travel with JO” चैनल के जरिए व्यापक लोकप्रियता हासिल की थी। आरोप है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ISI एजेंट से रिलेशनशिप बनाकर गोपनीय जानकारी व्हाट्सऐप, टेलीग्राम व स्नैपचैट जैसे प्लेटफार्मों पर साझा की ।

नवभारत टाइम्स (Navbharat Times) बताता है कि उनके एक वीडियो में वह एक पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी—अहसान-उ-र-रहीम (दानिश) से बातचीत करते देखी गई थीं। जांच में यह भी सामने आया कि 2023 में जब वह प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान गई थीं, वहीं उनकी मुलाकात दानिश से हुई थी; इसके बाद उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से भी संपर्क बनाए रखा, और भारत लौटने के बाद भी संवाद चलता रहा ।

दूसरी ओर, टाइम्स ऑफ इंडिया (Times of India) की रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्हें “Official Secrets Act” और भारतीय न्याय संहिता के तहत आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। यह भी कहा गया है कि उन्होंने हाल ही में पावर्गामी स्थल—पाहलगाम—में आतंकवादी घटना के दौरान ऑपरेशन सिंदूर के समय संवेदनशील जानकारी साझा की हो सकती है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि उन्होंने भारत में पाकिस्तानी दूतावास का दौरा किया था ।

विकिपीडिया के अनुसार, ज्योति की गिरफ्तारी मई 2025 में हुई। पुलिस की ओर से यह भी स्वीकार किया गया है कि उन्होंने ISI से जुड़े व्यक्तियों के साथ संपर्क स्वीकार किया, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला कि उन्होंने कोई तंत्रवादी जानकारी या सैन्य रहस्य साझा किया है। एक ISI एजेंट—ईमान उर रहिम (दानिश)—को 13 मई 2025 को भारत ने persona non grata घोषित कर दिया था। माना जाता है कि दानिश ने ही ज्योति को एक संभावित संपत्ति (asset) के रूप में विकसित किया था ।

यह पूरा मामला यह उजागर करता है कि सोशल मीडिया प्रभावक (influencers) और ट्रैवल व्लॉगर्स किस प्रकार से राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में संवेदनशील मोर्चे पर साधन बन सकते हैं।

सारांश:

पब्लिक-लीलीज़ जानकारी और मीडिया रिपोर्टों के मुताबित, पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ 2,500 पेज का चार्जशीट दायर किया है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क से उनके कथित संबंधों का उल्लेख है।

आरोप है कि उन्होंने यात्रा और सामाजिक संपर्क के माध्यम से गोपनीय जानकारी साझा की, हालांकि सैन्य अपराध या आतंकी जानकारी साझा करने का अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ।

यह मामला सोशल मीडिया की ताकत और संभावित जोखिमों दोनों की ओर स्पष्ट संकेत देता है, खासकर जब यह राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामले से जुड़ जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *