सुबर्णरेखा नदी का उफान: कई गांव जलमग्न






पश्चिम बंगाल के पूर्व-मध्यमेदिनीपुर जिले के रामनगर और एगरा (एगरा-1 ब्लॉक) क्षेत्र में सुबर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांव पानी में तैर रहे हैं। आश्चर्यजनक रूप से, हाल में भारी बारिश नहीं हुई। बावजूद इसके, नदी का जल इन इलाकों में प्रवेश कर गया, जिससे स्थानीय लोग गहरे संकट में फंसे हुए हैं ।




प्रभावित क्षेत्र:

एगरा-1 ब्लॉक के साहाड़ा चकमुरारी और अलिपुर पंचायत सहित कई गांवों में इस वर्ष यह छहवीं बार ऐसा हालात बन चुका है।
रामनगर-1 ब्लॉक के बधिया, कांडग्राम, बारोबाटिया और पाच-सात अन्य गांव भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं ।
मुख्य शिकायतें और जमीनी हालात:
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये दोनों इलाके नीचले स्तर पर स्थित हैं। जैसे ही सुबर्णरेखा का जलस्तर बढ़ता है, नदी के तट उफान पर आकर पानी गांवों में प्रवेश कर जाता है और खेती-बाड़ी को भारी नुकसान होता है ।
एक निवासी ने चिंता जताई, “पुजा से पहले सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही।” वहीं, हरिप्रिया पोयड़्या ने बताया कि इस स्थिति में बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं ।
बदल मैती नामक एक अन्य स्थानीय ने कहा, “हमें त्रिपल या सहायता नहीं चाहिए, समस्या का स्थायी समाधान चाहिए” ।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया:
पूर्व पंचायत सदस्य प्रभुपद दास ने बताया कि रामनगर और साहाड़ा पंचायत नदी के बेहद पास चली आई हैं। जब भी नदी का जलस्तर बढ़ता है, ये इलाके डूब जाते हैं ।
पंचायत समिति के उपाध्यक्ष सत्य चक्रवर्ती ने बताया कि इस इलाके में कोई नदी बांध नहीं है। बारिश रोकने पर जमा जल उतर जाता है, लेकिन नाली-देखभाल की खराब हालत के कारण पानी को हटने में काफी समय लगता है ।
स्थानीय विधायक अखिल गिरी ने कहा कि सिंचाई विभाग को नालों की मरम्मत और सड़कों को ऊँचा करने के लिए कहा गया है, ताकि बाढ़ आने पर भी आवाजाही प्रभावित न हो। नदी बांध निर्माण दोनों राज्य-ओडिशा और बंगाल-का मामला है, और फिलहाल बांध निर्माण कब होगा, इसकी जानकारी मुझे नहीं है ।
सारांश:
बारिश कम होने के बावजूद सुबर्णरेखा नदी का जल अत्यधिक बढ़ा है।
अनेक गांव छह बार इस समस्या का सामना कर चुके हैं, और हालात पहले की अपेक्षा और ख़राब होते जा रहे हैं।
स्थानीय लोग स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं — जैसे नदी बांध निर्माण, नालों की सफाई, और सड़क ऊँचीकरण।
प्रशासन ने कुछ राहत उपाय सुझाए हैं, लेकिन दीर्घकालीन समाधान अभी बाकी है।
