December 5, 2025

भारत में अमेरिकी 50% टैरिफ: असर और संभावनाएं

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संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को भारत से आने वाले अधिकांश वस्तुओं पर 50% टैरिफ (25% कर + 25% जुर्माना) लगाने का ऐलान किया है। यह कदम गृह सुरक्षा विभाग की ओर से किया गया था और इसके पीछे अमेरिका ने यह तर्क दिया कि “रूस के साथ संबंधों” के चलते यह निर्णय “अनिवार्य और उचित” है, क्योंकि भारत सीमांत रूप से या सीधे तौर पर रूसी तेल का आयात कर रहा है।

भारत विशेष क्यों निशाना?

इस टैरिफ की घोषणा केवल भारत के लिए है—चीन का नाम उल्लेखित नहीं है, जबकि वह रूस से अधिक तेल आयात करता है। इससे स्पष्ट है कि यह कार्रवाई विशेष रूप से नई दिल्ली को लक्षित है, यह कहते हुए कि यह असंगत और प्रतिशोधात्मक लग रही है।

कब लागू होगा और कितना प्रभावित होगा?

टैरिफ आधिकारिक तौर पर 27 अगस्त (IST में सुबह 9:30 बजे) से प्रभावी हुआ। उसके समय लगभग आधा हिस्सा—भारत के कुल 8,733 करोड़ डॉलर के अमेरिकी निर्यात का—इस टैरिफ में शामिल हो गया।

सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र-

ऊपर बताए गए टैरिफ से खासतौर से प्रभावित सेक्टर होंगे

वस्त्र और परिधान

जवाहरात और आभूषण

समुद्री खाद्य पदार्थ (मुख्य रूप से झींगा)

चमड़े के सामान:

दूसरी ओर, फार्मा उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन (जैसे एयरपल आईफ़ोन) इससे छूटे हुए हैं।

आर्थिक प्रभाव और अपेक्षाएं:

टैरिफ की वजह से वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे भारतीय निर्यात कम प्रतिस्पर्धात्मक हो जाएगा। अनुमान है कि इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को भारी असर होगा—ऑर्डर कम हो सकते हैं, जिससे नौकरी छूटने और बेरोजगारी बढ़ने की आशंका है। विशेषज्ञों ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 0.2% से 1% तक GDP में गिरावट का अनुमान लगाया है, जो लगभग 7 से 25 अरब डॉलर तक मूल्यांकन की बात हो रही है, यह इस पर निर्भर करता है कि कीमतों में कितनी कटौती की जाती है या नए बाजार मिलते हैं या नहीं।

फिर भी, व्यापक दृष्टिकोण से कहा जाए तो भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू उपभोग पर अधिक निर्भर है, और अमेरिकी निर्यात केवल GDP का 2-2.5% है—जिससे समग्र असर कुछ हद तक सीमित हो सकता है।

संक्षिप्त सारांश:

बिंदु विवरण-

क्या हुआ अमेरिका ने भारत के अधिकांश उत्पादों पर कुल 50% टैरिफ लागू किया

लागू होने की तारीख 27 अगस्त 2025, सुबह 9:30 (IST)

लक्षित क्षेत्र वस्त्र, आभूषण, झींगा, चमड़े का सामान

छूट क्षेत्र फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्मार्टफोन

संभावित असर MSMEs पर प्रतिकूल प्रभाव, बेरोजगारी, GDP में गिरावट (0.2–1%)

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