December 5, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मिजोरम के आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का  मणिपुर में प्रधानमंत्री मोदी का दौरा, ₹7,300 करोड़ की विकास योजनाओं का शुभारंभ

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मिजोरम के आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया

देश के लिए, विशेष रूप से मिजोरम के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन, आज से आइजोल भारत के रेलवे मानचित्र पर होगा: प्रधानमंत्री

पूर्वोत्तर भारत का विकास इंजन बन रहा है: प्रधानमंत्री

मिजोरम की हमारी एक्ट ईस्ट नीति और उभरते पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे दोनों में प्रमुख भूमिका है: प्रधानमंत्री

अगली पीढ़ी की जीएसटी का अर्थ है कई उत्पादों पर कम कर, परिवारों का जीवन आसान बनाना: प्रधानमंत्री

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है: प्रधानमंत्री

Posted On: 13 SEP 2025 11:23AM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मिजोरम के आइजोल में 9000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं से रेलवे, सड़क मार्ग, ऊर्जा, खेल सहित कई क्षेत्र लाभान्वित होंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने नीले पहाड़ों की इस खूबसूरत धरती के संरक्षक, परम पूज्य भगवान पाथियन को नमन किया। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वे मिजोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे पर मौजूद हैं और मौसम खराब होने के कारण आइजोल में लोगों से मिल सके। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों के बावजूद वे इस माध्यम से भी लोगों के प्यार और स्नेह को महसूस कर सकते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि चाहे स्वतंत्रता आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण, मिजोरम के लोग योगदान देने के लिए हमेशा आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि लालनु रोपुइलियानी और पासल्था खुआंगचेरा जैसी विभूतियों के आदर्श राष्ट्र को प्रेरित करते रहते हैं। श्री मोदी ने कहा कि त्याग और सेवा, साहस और करुणा, मिज़ो समाज में गहराई से समाहित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, मिजोरम भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”

इस दिन को देश, विशेषकर मिजोरम के लोगों के लिए ऐतिहासिक बताते हुए, श्री मोदी ने कहा, “आज से आइजोल भारत के रेलवे मानचित्र पर होगा।” अतीत को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि कुछ वर्ष पहले उन्हें आइजोल रेलवे लाइन की नींव रखने का अवसर मिला था। उन्होंने इस रेलवे लाइन को देश को समर्पित किया। श्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुर्गम क्षेत्र सहित कई चुनौतियों के बावजूद बैराबी-सैरांग रेल लाइन अब एक वास्तविकता बन गई है। उन्होंने इंजीनियरों के कौशल और श्रमिकों की भावना की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही यह उपलब्धि संभव हो पाई है।

प्रधानमंत्री कहा कि लोग और देश हमेशा मन से सीधे जुड़े रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा की कि पहली बार, मिज़ोरम का सैरांग राजधानी एक्सप्रेस द्वारा दिल्ली से सीधे जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक रेल संपर्क नहीं है, बल्कि परिवर्तन की जीवन रेखा है और यह मिज़ोरम के लोगों के जीवन और आजीविका में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि मिज़ोरम के किसान और व्यवसाय अब देश भर के अधिक बाजारों तक पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के ज़्यादा विकल्प मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस विकास से पर्यटन, परिवहन और आतिथ्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय से देश में कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान ज़्यादा वोट और सीटें पाने वाले क्षेत्रों पर रहा। परिणामस्वरूप, मिज़ोरम जैसे राज्यों सहित पूरे पूर्वोत्तर को इस रवैये से भारी नुकसान उठाना पड़ा। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि वर्तमान दृष्टिकोण बहुत अलग है और जो लोग पहले उपेक्षित थे, वे अब सबसे आगे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग कभी हाशिए पर थे, वे अब मुख्यधारा का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से सरकार पूर्वोत्तर के विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र देश का विकास इंजन बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर के कई राज्य पहली बार भारत के रेल मानचित्र पर शामिल हुए हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत सरकार ने सभी प्रकार की कनेक्टिविटी- ग्रामीण सड़कें और राजमार्ग, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्शन, बिजली, नल से जल और एलपीजी कनेक्शन को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि मिजोरम को हवाई यात्रा के लिए उड़ान योजना का भी लाभ मिलेगा और बताया कि इस क्षेत्र में जल्द ही हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होंगी। श्री मोदी ने कहा कि इससे मिजोरम के दूरदराज के इलाकों तक पहुंच में काफी सुधार होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “एक्ट ईस्ट नीति और उभरते उत्तर-पूर्व आर्थिक गलियारे, दोनों में मिज़ोरम की प्रमुख भूमिका है।” उन्होंने कहा कि कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और सैरांग-ह्मांगबुचुआ रेल लाइन से मिजोरम दक्षिण-पूर्व एशिया के माध्यम से बंगाल की खाड़ी से जुड़ जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि इस कनेक्टिविटी से उत्तर-पूर्व भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

श्री मोदी ने कहा कि मिजोरम के युवा प्रतिभाशाली हैं। सरकार का लक्ष्य उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि मिजोरम में 11 एकलव्य आवासीय विद्यालय पहले से ही शुरू किए जा चुके हैं और 6 और विद्यालय शुरू करने का कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र स्टार्ट-अप के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि इस क्षेत्र में वर्तमान में लगभग 4,500 स्टार्ट-अप और 25 इनक्यूबेटर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मिज़ोरम के युवा इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और अपने और दूसरों के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि देश तेजी से वैश्विक खेलों के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहा है। इससे देश में खेल अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि मिजोरम में खेलों की समृद्ध परंपरा रही है और मिजोरम ने फ़ुटबॉल व अन्य खेलों में कई चैंपियन दिए हैं। उन्होंने कहा कि मिजोरम को सरकार की खेल नीतियों का भरपूर लाभ मिल रहा है। श्री मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया योजना के तहत आधुनिक खेल ढांचों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने हाल ही में एक राष्ट्रीय खेल नीति – खेलो इंडिया खेल नीति – शुरू की है। उन्होंने कहा कि यह पहल मिज़ोरम के युवाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोलेगी।

प्रधानमंत्री ने देश और विदेश में पूर्वोत्तर की खूबसूरत संस्कृति के राजदूत की भूमिका निभाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने पूर्वोत्तर की क्षमता को प्रदर्शित करने वाले मंचों को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर दिया। कुछ महीने पहले दिल्ली में आयोजित अष्ट लक्ष्मी महोत्सव में अपनी भागीदारी को याद करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि इस महोत्सव में पूर्वोत्तर के वस्त्र, शिल्प, जीआई-टैग उत्पादों और पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित किया गया। राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने निवेशकों को इस क्षेत्र की विशाल क्षमता का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि यह समिट बड़े पैमाने पर निवेश और परियोजनाओं को आकर्षित कर रहा है। श्री मोदी ने आगे कहा कि वोकल फॉर लोकल पहल से पूर्वोत्तर के कारीगरों और किसानों को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि मिजोरम के बांस उत्पाद, ऑर्गेनिक अदरक, हल्दी और केले प्रसिद्ध हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सरकार जीवन और व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। “हाल ही में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू किए गए हैं और इसका मतलब है कि कई उत्पादों पर कर कम होंगे, जिससे परिवारों का जीवन आसान होगा।” उन्होंने याद दिलाया कि 2014 से पहले टूथपेस्ट, साबुन और तेल जैसी रोजमर्रा की जरूरी चीजों पर भी 27 प्रतिशत कर लगता था, जबकि आज इन वस्तुओं पर केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है। श्री मोदी ने कहा कि विपक्ष के शासनकाल में दवाओं, जांच किट और बीमा पॉलिसियों पर भारी कर लगाया जाता था। इससे स्वास्थ्य सेवा महंगी हो गई और आम परिवारों के लिए बीमा पहुंच से बाहर हो गया था। उन्होंने कहा कि आज, ये सभी सेवाएं और उत्पाद किफायती हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नई जीएसटी दरों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाइयां भी सस्ती हो जाएंगी। 22 सितंबर के बाद सीमेंट और विनिर्माण सामग्री भी सस्ती हो जाएगी। श्री मोदी ने बताया कि स्कूटर और कार बनाने वाली कई कंपनियों ने पहले ही कीमतें कम कर दी हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी त्योहारी सीजन पूरे देश में और भी ज़्यादा उत्साहपूर्ण होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधारों के तहत ज़्यादातर होटलों पर जीएसटी घटाकर केवल 5 प्रतिशत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अब विभिन्न स्थानों की यात्रा करना, होटलों में ठहरना और बाहर खाना-पीना ज़्यादा किफ़ायती हो जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि इससे ज़्यादा लोग देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करने, उन्हें देखने और उनका आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर जैसे पर्यटन केंद्रों को इस बदलाव से विशेष रूप से लाभ होगा।

श्री मोदी ने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था में 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।” उन्होंने आगे कहा कि देश के मेक इन इंडिया और निर्यात में भी वृद्धि हो रही है। ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश ने देखा कि कैसे भारतीय सैनिकों ने आतंक को प्रायोजित करने वालों को सबक सिखाया। उन्होंने कहा कि पूरे देश को सेना पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान देश की रक्षा में मेड-इन-इंडिया हथियारों ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने आगे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और विनिर्माण क्षेत्र का विकास राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के समापन पर प्रत्येक नागरिक, प्रत्येक परिवार और प्रत्येक क्षेत्र के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि एक विकसित भारत का निर्माण उसके लोगों के सशक्तिकरण से होगा और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मिज़ोरम के लोग इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री ने आइज़ोल को हार्दिक बधाई दी और देश के रेलवे मानचित्र में शामिल होने पर उसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हालांकि वे खराब मौसम के कारण आइज़ोल नहीं आ सके लेकिन उन्हें विश्वास है कि वे जल्द ही मिलेंगे।

इस कार्यक्रम में मिजोरम के राज्यपाल जनरल वी.के. सिंह, मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री लालदुहोमा, केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

 

मणिपुर में बीते दो वर्षों से जातीय हिंसा और अशांति की स्थिति बनी हुई है। राज्य के कई हिस्सों में असुरक्षा और अविश्वास का वातावरण लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर का दौरा किया। यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हिंसा शुरू होने के बाद यह उनका पहला राज्य प्रवास था।

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग ₹7,300 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य राज्य के अविकसित इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना और स्थानीय जनता को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है।

चुर्चचंदपुर क्षेत्र पर विशेष ध्यान:

परियोजनाओं का बड़ा हिस्सा चुर्चचंदपुर क्षेत्र में केंद्रित है। यह इलाका मुख्य रूप से कूकी समुदाय की आबादी वाला है, जहाँ लंबे समय से हिंसा और अस्थिरता का असर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि इस क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे की सुविधाएँ मजबूत की जाएँ ताकि लोगों का भरोसा फिर से बहाल हो सके।

विकास से शांति की राह:

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि विकास ही शांति का सबसे मजबूत आधार है। जब लोगों को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएँ मिलती हैं, तो समाज में तनाव और अविश्वास स्वतः ही कम होने लगता है। उन्होंने विश्वास जताया कि ये परियोजनाएँ न केवल मणिपुर की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेंगी, बल्कि जातीय सौहार्द को भी बढ़ावा देंगी।

परियोजनाओं से संभावित लाभ:

इन योजनाओं में सड़क निर्माण, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा संस्थान और रोजगार के अवसर शामिल हैं। अनुमान है कि इन परियोजनाओं से स्थानीय स्तर पर हज़ारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। बेहतर बुनियादी ढाँचा राज्य के अंदर व्यापार और निवेश को भी बढ़ावा देगा, जिससे आने वाले वर्षों में मणिपुर की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।

स्थानीय लोगों की उम्मीदें:

दौरे के बाद स्थानीय निवासियों में नई उम्मीदें जगी हैं। लोग मानते हैं कि यदि इन योजनाओं को सही ढंग से लागू किया गया तो राज्य में शांति और स्थिरता लौट सकती है। कई सामाजिक संगठनों ने भी प्रधानमंत्री के प्रयास का स्वागत किया है और सरकार से अपील की है कि योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाने में पारदर्शिता और गति बनाए रखी जाए।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा केवल एक राजनीतिक कदम नहीं, बल्कि शांति और विकास की दिशा में उठाया गया ठोस प्रयास है। ₹7,300 करोड़ की परियोजनाएँ राज्य की जनता के लिए नई संभावनाएँ लेकर आई हैं। यदि इन योजनाओं को समय पर और सही ढंग से लागू किया गया, तो मणिपुर न केवल हिंसा के साए से बाहर आएगा, बल्कि पूर्वोत्तर भारत के विकास का मजबूत केंद्र भी बन सकता है।

 

 

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