आईआईटी खड़गपुर में शोधार्थी की मौत, कमरे में झुलता मिला शव






खड़गपुर: आईआईटी खड़गपुर में एक बार फिर मौत की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। शनिवार दोपहर बी.आर. आंबेडकर हॉल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी हर्षकुमार पांडे (27) का झुलता हुआ शव बरामद हुआ। मृतक का घर झारखंड के रांची जिले के बड़ियातु थाना क्षेत्र में है।




जानकारी के मुताबिक, हर्षकुमार ने मौलाना अबुल कलाम आज़ाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक और मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमटेक पूरा करने के बाद आईआईटी खड़गपुर में पीएचडी में दाखिला लिया था। शनिवार दोपहर जब हर्षकुमार के पिता मनोजकुमार पांडे ने फोन पर संपर्क करने की कोशिश की और कोई जवाब नहीं मिला, तब उन्होंने संस्थान के सुरक्षा कर्मियों को इसकी जानकारी दी। सुरक्षाकर्मी जब कमरे पर पहुँचे तो दरवाज़ा बंद मिला। इसके बाद हिजली पुलिस को बुलाया गया। दरवाज़ा तोड़कर अंदर जाने पर शव बरामद किया गया और उसे बी.सी. राय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती अनुमान के अनुसार, यह आत्महत्या का मामला हो सकता है, लेकिन सही कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।
आईआईटी खड़गपुर में यह कोई पहली घटना नहीं है। इस साल अब तक छह छात्रों की असामान्य मौत हो चुकी है, जिनमें से पांच मामलों में शव झुलता हुआ ही पाया गया। हाल ही में जुलाई महीने में दो छात्रों की मौत ने भी संस्थान को झकझोर दिया था।
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने पहले ही छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई पहल की थीं—जैसे “सेतु” ऐप और “मदर कैंपस” कार्यक्रम। 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर उन्होंने छात्रों के साथ मशाल जुलूस में भी भाग लिया था। लेकिन लगातार हो रही इन घटनाओं ने फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ये प्रयास पर्याप्त हैं।
