SIR’ के विरोध में कोलकाता में 4 नवंबर को ममता और अभिषेक की विशाल रैली, पश्चिम बंगाल: 2002 की मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम गायब होने का आरोप, टीएमसी ने चुनाव आयोग से की शिकायत






तृणमूल कांग्रेस ‘SIR’ प्रक्रिया के खिलाफ मंगलवार, 4 नवंबर को कोलकाता में एक विशाल रैली का आयोजन कर रही है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी करेंगे।




जानकारी के अनुसार, यह रैली दोपहर 1:30 बजे रेड रोड पर स्थित बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा के पास से शुरू होगी। रैली में हज़ारों समर्थकों के जुटने की उम्मीद है, जो मार्च करते हुए जोड़ासांको तक जाएँगे.


इस रैली का समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह ठीक उसी दिन आयोजित की जा रही है, जिस दिन से बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर ‘SIR’ प्रक्रिया के लिए एन्यूमरेशन फॉर्म (enumeration form) भरने का काम शुरू कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस प्रक्रिया के विरोध में सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराएगा।

पश्चिम बंगाल: 2002 की मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम गायब होने का आरोप, टीएमसी ने चुनाव आयोग से की शिकायत
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने चुनाव आयोग (EC) की वेबसाइट पर अपलोड की गई 2002 की मतदाता सूची की सॉफ्ट कॉपी में गंभीर गड़बड़ियों का आरोप लगाया है।
पार्टी का दावा है कि 2002 की सूची की मूल हार्ड कॉपी की तुलना में वेबसाइट पर उपलब्ध सॉफ्ट कॉपी से “बड़े पैमाने पर” मतदाताओं के नाम गायब हैं।

क्या है पूरा मामला?
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में ‘विशेष गहन संशोधन’ (SIR) प्रक्रिया के लिए 2002 की मतदाता सूची को आधार बनाया जा रहा है। यह संशोधन प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाली है।
टीएमसी ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के शुरू होने से पहले ही, जब 2002 की सूची को वेबसाइट पर अपलोड किया गया, तो उसमें और मूल सूची में भारी अंतर पाया गया। पार्टी ने सवाल उठाया है कि आधिकारिक संशोधन शुरू होने से पहले ही इतने सारे नाम सूची से कैसे हटा दिए गए।
विशिष्ट उदाहरणों का दिया हवाला
तृणमूल कांग्रेस ने अपनी शिकायत के समर्थन में कुछ विशिष्ट उदाहरण भी पेश किए हैं।
पार्टी के अनुसार, उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र के तहत गुमा-1 ग्राम पंचायत में बूथ संख्या 61 के कई मतदाताओं (क्रमिक संख्या 343 से 414) के नाम अपलोडेड सूची से गायब हैं।
इसी तरह, गुमा-1 पंचायत के ही एक अन्य बूथ (बूथ संख्या 159, जो 2002 की सूची के अनुसार बूथ 54 था) के सभी मतदाताओं के नाम कथित तौर पर गायब हैं।
पार्टी ने दावा किया है कि ये समस्याएं विशेष रूप से उत्तर 24 परगना और कूचबिहार जिलों में देखी जा रही हैं।

टीएमसी ने की जांच की मांग
राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब मतदाता सूची में संशोधन 4 नवंबर से शुरू होना है, तो उससे पहले ही इतने नाम कैसे हटा दिए गए? आयोग को इसका जवाब देना चाहिए।”
पार्टी के अन्य प्रवक्ताओं ने भी कहा है कि जिन लोगों के नाम 2002 की हार्ड कॉपी में मौजूद हैं, वे अब वेबसाइट पर नहीं मिल रहे हैं। टीएमसी ने इस बात पर जोर दिया है कि यह एक “भयानक” स्थिति है, क्योंकि इससे मतदाताओं के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा। पार्टी ने मांग की है कि इस बात की तत्काल जांच होनी चाहिए कि इतने सारे नाम सूची से कैसे गायब हुए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
