December 5, 2025

टीएमसी में गुटबाजी: उपेक्षित नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, निकाली रैली

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टीएमसी में गुटबाजी: उपेक्षित नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, निकाली रैली

खड़गपुर: पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में आंतरिक कलह एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं के एक समूह ने रविवार को खुद को उपेक्षित और वंचित बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया।  आरोप है कि उन्हें पार्टी के भीतर पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है और शहर नेतृत्व इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए, उपेक्षित नेताओं और उनके समर्थकों ने रविवार को सुभाषपल्ली मैदान से वार्ड मेमोरियल चर्च तक एक रैली निकाली।

✨ महत्वपूर्ण घटनाक्रम:

विरोध प्रदर्शन: उपेक्षित नेताओं-कार्यकर्ताओं ने अपनी उपेक्षा के विरोध में रैली निकाली और बाद में बैठक की।

प्रमुख नेता: इस समूह में ललित जयसवाल, विश्वजीत अधिकारी, सुशील यादव, बेबी कोले और कई अन्य नेता शामिल थे।

निष्कासित नेत्री की उपस्थिति:  कुछ महीने पहले एक वामपंथी नेता अनिल दास की कथित पिटाई के मामले में पार्टी से निष्कासित की गई आईएनटीटीयूसी (INTTUC) नेत्री बेबी कोले भी इस मार्च में शामिल थीं।  बेबी को लेकर कहना है कि अनिलदस के मामले में पार्टी नेताओं न उनसे चर्चा करना छोड़ अनिल दास का साथ दिया।

🗣️ नेताओं का बयान:

टीएमसी की कानूनी शाखा के नेता ललित जायसवाल ने स्पष्ट किया, “हममें से कोई भी पार्टी के खिलाफ नहीं है। हम मुख्यमंत्री और अभिषेक बनर्जी को देखकर टीएमसी करते हैं। हमें पार्टी से उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए हैं। हमने उन्हें बैठक में बुलाया है और फिर से सक्रिय होने का आग्रह किया है।”

ललित ने कहा कि आनेवाले दिनों मे और विशाल रैली का आयोजन कियाजएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के हित में पहले कोर कमेटी फिर जिला कमेटी व उसके बाद प्रदेश नेतृत्व को मामले से अवगत कराया जाएगा

वार्ड नंबर 19 के पूर्व टीएमसी अध्यक्ष बिशु अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा, “हम बैठक में हुई चर्चा को शहर की कोर कमेटी के सामने रखेंगे। हम यह जानना चाहेंगे कि हमें अलग-थलग क्यों किया जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो खड़गपुर में बीजेपी को हराना मुश्किल होगा।”

2011 में कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हुए सुशील यादव ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक पार्टी में कोई पद या जिम्मेदारी नहीं दी गई है, इसीलिए वह उपेक्षित कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।

🚧 आगामी चुनाव से पहले चिंता

खड़गपुर सदर विधानसभा सीट फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कब्जे में है, और खुद पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी इस सीट पर टीएमसी की जीत चाहती हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले पुराने कार्यकर्ताओं के एक धड़े का इस तरह का बर्ताव पार्टी के भीतर गंभीर गुटबाजी को दर्शाता है। यह आशंका जताई जा रही है कि टीएमसी नेताओं की आपसी लड़ाई के कारण यह महत्वपूर्ण सीट एक बार फिर हाथ से निकल सकती है।

कोर कमेटी के अध्यक्ष सुजय हाजरा क्या कहना है कि कार्यक्रम का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।

 

 

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