कहानी लेखन को बढ़ावा देने के लिए ‘मेदिनी कथाचर्चा’ की पहल, खड़गपुर में ‘गल्प-कथाय सारादिन’ का आयोजन






अविभाजित मेदिनीपुर जिले में गद्य और कहानी लेखन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक नए संगठन ‘मेदिनी कथा चर्चा ‘ की शुरुआत की गई है। इस पहल के तहत, खड़गपुर शहर के रामकृष्ण विवेकानंद सोसाइटी सभागार में ‘गल्प-कथाय सारा दिन’ (कहानी-चर्चा में पूरा दिन) नामक एक विशेष कहानी पाठ और चर्चा सत्र का आयोजन किया गया।




कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन विद्यासागर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुशांत चक्रवर्ती द्वारा किया गया। इस साहित्यिक आयोजन में अविभाजित मेदिनीपुर (पूर्वी, पश्चिमी मेदिनीपुर और झारग्राम) के कुल 24 कहानीकारों ने अपनी रचित कहानियों का पाठ किया। इन कहानियों पर उपस्थित प्रख्यात साहित्यकारों ने गहन समीक्षा और चर्चा की।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में प्रसिद्ध कहानीकार सुकुमार रुज, उपन्यासकार बीरेन शासमाल, अनुवादक बिप्लब बिस्वास और कहानीकार अरिंदम गोस्वामी शामिल थे। इसके अतिरिक्त, बेबी साउ, तपन तरफदार, चरण मांडी और बिश्वजीत अधिकारी ने आमंत्रित कहानीकारों के रूप में अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
’मेदिनी कथाचर्चा’ के प्रमुख आयोजकों में से एक, नरेश जाना ने संगठन के दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा, “इस स्मार्टफोन के युग में, ‘रेडीमेड’ सामग्री की उपलब्धता के कारण लोगों की कल्पना शक्ति कम हो रही है। कहानी लेखन का अभ्यास ही इस कल्पना शक्ति को बढ़ा सकता है।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि संगठन की योजना युवा पीढ़ी को रचनात्मक लेखन की ओर आकर्षित करने के लिए जल्द ही कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर कहानी लेखन प्रतियोगिताएं शुरू करने की है।
গদ্যচর্চাকে উৎসাহ দিতে খড়গপুরে সূচনা ‘মেদিনী কথাচর্চা’-র, অনুষ্ঠিত হল ‘গল্প-কথায় সারাদিন’
খড়গপুর: অবিভক্ত মেদিনীপুর জেলার গদ্য সাহিত্যচর্চার পরিসরকে আরও বিস্তৃত করার লক্ষ্যে খড়গপুরে পথ চলা শুরু করল ‘মেদিনী কথাচর্চা’ নামক এক নতুন সংগঠন। সম্প্রতি, খড়গপুর শহরের রামকৃষ্ণ বিবেকানন্দ সোসাইটি সভাকক্ষে এই সংগঠনের উদ্যোগে ‘গল্প-কথায় সারাদিন’ শীর্ষক একটি বিশেষ গল্প পাঠ ও আলোচনা অনুষ্ঠানের আয়োজন করা হয়।
অনুষ্ঠানটির শুভ উদ্বোধন করেন বিদ্যাসাগর বিশ্ববিদ্যালয়ের প্রাক্তন উপাচার্য অধ্যাপক সুশান্ত চক্রবর্তী। এই আসরে দুই মেদিনীপুর ও ঝাড়গ্রাম জেলার মোট ২৪ জন গল্পকার স্বরচিত গল্প পাঠ করেন। পাঠ করা গল্পগুলি নিয়ে গভীর আলোচনায় অংশ নেন বিশিষ্ট সাহিত্যিকরা।
উপস্থিত অতিথিদের মধ্যে ছিলেন প্রখ্যাত গল্পকার সুকুমার রুজ, ঔপন্যাসিক বীরেন শাসমল, অনুবাদক বিপ্লব বিশ্বাস এবং গল্পকার অরিন্দম গোস্বামী। আমন্ত্রিত গল্পকার হিসেবে বেবী সাউ, তপন তরফদার, চরণ মাণ্ডি ও বিশ্বজিৎ অধিকারী তাঁদের লেখা পাঠ করে শোনান।
‘মেদিনী কথাচর্চা’-র অন্যতম সংগঠক নরেশ জানা এই উদ্যোগের প্রেক্ষাপট ব্যাখ্যা করে বলেন, “বর্তমান সেলফোনের যুগে রেডিমেড কন্টেন্টের কারণে মানুষের কল্পনা শক্তি হ্রাস পাচ্ছে। গল্প চর্চাই পারে সেই কল্পনা শক্তিকে পুনরুজ্জীবিত করতে।” তিনি আরও জানান যে, তরুণ প্রজন্ম, বিশেষত বিদ্যালয় ও কলেজ স্তরের ছাত্রছাত্রীদের সৃজনশীল গল্প লেখার প্রতি আকৃষ্ট করতে সংগঠনটি শীঘ্রই বিভিন্ন প্রতিযোগিতা শুরু করার পরিকল্পনা করছে।
