पश्चिम बंगाल के घाटल में पराली जलाने से सैकड़ों बीघा पकी हुई धान की फसल जलकर राख






पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के घाटल अनुमंडल में शुक्रवार को एक दुखद घटना सामने आई, जहाँ तीन अलग-अलग स्थानों पर भीषण आग लगने से सैकड़ों बीघा पकी हुई धान की फसल जलकर खाक हो गई। विडंबना यह है कि यह घटना ‘विश्व मृदा दिवस’ (World Soil Day) के दिन घटी, जिस दिन प्रशासन और कृषि विभाग द्वारा पराली (नाड़ा) न जलाने को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था।




प्राप्त जानकारी के अनुसार, आगजनी की ये घटनाएं घाटल के तीन प्रमुख स्थानों – चंद्रकोणा के खीरपाई स्थित बुड़ीर पुकुर मैदान, दासपुर-1 ब्लॉक के श्यामसुंदरपुर और दंदीपुर गांव में हुईं।

किसानों का भारी नुकसान
चंद्रकोणा क्षेत्र में आग का तांडव सबसे अधिक देखा गया, जहाँ लगभग 18 बीघा जमीन पर खड़ी पकी हुई धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। पीड़ित किसान स्वपन पाल ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया, “पड़ोस के खेत में किसी ने पराली (नाड़ा) जलाई थी, उसी की आग मेरे खेत तक फैल गई। मैंने मशीन मंगवाकर धान काटने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेज थी कि फसल बचाई नहीं जा सकी।”
वहीं, दासपुर और दंदीपुर में भी आग ने भारी तबाही मचाई। स्थानीय किसानों श्रीराम सामंत और सुनील सामंत ने सवाल उठाया कि इस तरह फसल बर्बाद करके किसी को क्या हासिल हुआ। कुछ किसानों ने आशंका जताई है कि यह आग जानबूझकर भी लगाई जा सकती है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही घाटल और मिदनापुर से दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पश्चिम मिदनापुर के जिला कृषि अधिकारी नकुलचंद्र माइती ने घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, फसल कटाई के बाद पराली न जलाने के लिए हम लगातार प्रचार कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग सचेत नहीं हो रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि किसानों की मेहनत जलकर राख हो रही है।
