2026 विधानसभा चुनाव पर नजर, विकास कार्यों की समीक्षा के लिए जिलों का दौरा करेंगे वरिष्ठ अधिकारी






पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही राज्य सरकार ने अपनी कमर कस ली है। राज्य सचिवालय (नवान्न) ने ग्रामीण विकास परियोजनाओं की गति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को जिलों में उतारने का फैसला किया है। विशेष रूप से पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिलों में सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जांचने के लिए अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।




‘बांग्लार बाड़ी’ योजना पर विशेष फोकस

प्रशासन का सबसे ज्यादा जोर आवास योजना यानी ‘बांग्लार बाड़ी’ पर है। वरिष्ठ अधिकारी जिलों का दौरा कर यह जांच करेंगे कि क्या लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए दूसरी किस्त की राशि मिली है या नहीं। यदि किसी को पैसा नहीं मिला है, तो उसके कारणों की जांच की जाएगी। इसके अलावा, पैसा मिलने के बाद भी यदि निर्माण कार्य रुका है, तो अधिकारी समस्याओं का समाधान कर रास्ता निकालेंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम मेदिनीपुर में इस योजना के तहत लगभग 1 लाख 9 हजार घरों का काम अंतिम चरण में है। प्रशासन का लक्ष्य दिसंबर तक इस जिले में 1 लाख 76 हजार और लाभार्थियों को पहली किस्त जारी करने का है, ताकि चुनाव से पहले लोगों को पक्के मकान मिल सकें।
सड़कों और स्थानीय समस्याओं का समाधान
खराब सड़कों को लेकर जनता की नाराजगी दूर करने के लिए ‘पथश्री-4’ परियोजना के तहत पश्चिम मेदिनीपुर में 659 नई सड़कों को मंजूरी दी गई है। बारिश के दौरान कीचड़ भरे रास्तों और एम्बुलेंस तक न पहुंच पाने की शिकायतों को देखते हुए इन सड़कों का निर्माण जल्द शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही, ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ (हमारा मोहल्ला, हमारा समाधान) योजना के तहत प्रत्येक बूथ को 10 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इस राशि से स्थानीय नाले, स्कूल भवनों की मरम्मत और पुलिया निर्माण जैसे कार्य कराए जाएंगे।
इन अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी
विकास कार्यों की निगरानी के लिए राज्य सरकार ने शीर्ष अधिकारियों को नियुक्त किया है:
पश्चिम मेदिनीपुर: मनीष जैन
पूर्व मेदिनीपुर: विनोद कुमार
झाड़ग्राम: छोटा डी. लामा
सूत्रों के अनुसार, ये अधिकारी बहुत जल्द जिलों का दौरा करेंगे और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक करेंगे। टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सरकार का प्रयास है कि चुनाव की औपचारिक घोषणा से पहले सभी प्रमुख विकास कार्य धरातल पर दिखाई देने लगें।
