खड़गपुर। पांच साल पहले हुए बलात्कार मामले में दोषी पाए जाने पर अभियुक्त को सात साल की सजा मेदिनीपुर जिला अदालत ने सुनाई है। सजा से पीड़ित पक्ष ने जहां राहत जताई है वहीं बचाव पक्ष का कहना है फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में जाएंगे। ज्ञात हो कि पश्चिम मेदिनीपुर जिले के गढ़बेत्ता थाना के गढ़कुसमा गांव की रहने वाली 30 वर्षीय महिला ने पांच साल पहले अपने पड़ोसी आरिफुल हक मंडल पर बलात्कार का आरोप लगा गढ़बेत्ता थाना में शिकायत की थी। पीड़िता का आरोप है कि जब वह अपने पिता के घर से दोपहर दो बजे नहा कर अपने घर आ रही थी तभी रास्ते में आरिफुल ने एकांत पाकर अपने परित्यक्त घर में खींच कर ले गया व उसके साथ दुष्कर्म किया व घर का ताला बाहर से लगा भाग गया। पीड़िता की चीख पुकार सुन उसके परिजन व पडोसी वहां आए व पीड़िता को वहां से ले गए। उक्त मामले की सुनवाई के बाद मेदिनीपुर जिला अदालत के फास्ट ट्रैक सेकेंड कोर्ट के जज रींटू सूर ने सजा सुनाई है। पीड़िता के वकील राजब अली का कहना है कि जज ने आरोपी धारा 376 के तहत सात साल की सजा व 20 हजार रु की जुर्माना ना देने पर छह माह की सश्रम कारावास व धारा 342 के तहत एक साल की सजा व 500 रु जुर्माना ना देने पर एक माह की सजा सुनाई है। राजब का कहना है कि घटना के बाद पीड़िता के श्रमिक पति ने पीड़िता को छोड़ दिया है व पीड़िता के पिता के घर रहती है उसके दो बच्चे हैं जबकि अभियुक्त जो कि श्रमिक है बीते दिनों शादी कर ली है व उसका भी एक बच्चा है। बचाव पक्ष का कहना है कि झूठे मामले में फंसाया गया है उच्च अदालत में मामला टिक नहीं पाएगा।
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