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✍️रघुनाथ प्रसाद साहू/ 94342 43363
हम विदेशी भाषा तो सीख लेते हैं व विदेशी साहित्यकार के बारे में जानकारी रखते हैं पर अफसोस की देश के अन्य राज्यों की भाषा व साहित्य से बेरुखी रखते हैं जो कि चिंता का
विषय़ है यह चिंता बांग्ला कवि विनायक बांधोपाध्याय ने बतौर मुख्य अतिथि खड़गपुर पुस्तक मेले के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही। विनायक ने कहा कि हम बांग्ला के अलावा गर्व से फ्रेंच, रसियन या अन्य भाषाओं के जानने की बात तो करते हैं पर उड़ीया, मराठी, हिंदी, तमिल व कन्नड़ नहीं जानते उन्होने कहा कि हमें अपने आसपास क्या लिखा जा रहा है इसका भी पता होना चाहिए यह तभी संभव है जब हम देश के क्षेत्रीय भाषाओं को जानें पढ़े। उन्होने कहा कि बांग्ला के मूर्धन्य साहित्यकार महाश्वेता देवी हो सुनील गांगुली या शंख घोष ये लोग हमारे बीच नहीं रहे पर कन्नड़ साहित्य के स्टालवार्ट अभी जीवित है उन्होने कहा कि हमें कन्नड़ के चंद्रशेखर कांबरे हो या एस एल भाईरप्पा इन्हें पढ़ना चाहिए उन्होने कहा कि उसे भी इन लोगों के बारे में अमेरिका जाने पर पता चला पर ये दोनों ऐसे लेखक है जिन्हें कभी भी साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिल सकता है ये उसके योग्य है।विनायक ने कहा कि जैसे खड़गपुर स्टेशन के प्लेटफार्म विश्व में नाम किया वैसे ही यहां के पुस्तक मेला सांस्कृतिक जगत में अपना मुकाम बनाएगी। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के एडीएम केपा हेनाईया ने खड़गपुर पुस्तक मेला के सफल होने की कामना की। इस अवसर पर देबाशीष चौधरी, सुनील माझी, रतन बोस मजूमदार, प्रो तपन कुमार पाल व अन्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर अनुराधा सेन को अनिल घोड़ुई पुरस्कार से सम्मानित स्व. अनिल की पत्नी सर्वाणी घोड़ुई के हाथों किया गया। इस अवसर पर सौवेनियर के अलावा कई लिटिल मैगजीन का भी प्रकाशन किया गया। ज्ञात हो कि पुस्तक मेला में लगभग 50 स्टाल है जिसमें पुस्तक के अलावा, खाने पीने ज्वेलरी, वाहन व अन्य दुकानें शामिल है।
मेले में बच्चों को आकर्षित करने के लिए ब्रेक डांस, जंपिंग व अन्य झूला भी लगाए गए हैं। मेले में एंट्री फीस 10 रु है। ज्ञात हो कि 23वां खड़गपुर पुस्तक मेला मानस-गौतम – नारायण चौबे मेमोरियल ट्रस्ट और खड़गपुर पुस्तक मेला कमेटी के संयुक्त प्रयास से खड़गपुर शहर के गिरीमैदान स्टेशन के निकट गीतांजली रेलवे प्रेक्षागृह में हो रहा है जो कि 15 जनवरी तक चलेगा विधिवत तरीके से मेले का आज उद्घाटन कवि विनायक ने किया। 11 जनवरी को मेले का विशेष आकर्षण हिंदी कवि-सम्मेलन होगा जिसमें शिरकत करेंगे विख्यात हास्य कवि एहसान कुरैशी,चेतन चर्चित व शुभम त्यागी. साइबर क्राइम पर भी आलोचना सभा का आयोजन किया गया है। 15 को बाबुल सुप्रीयो अपने गीतों से समां बांधेंगे।
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