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खड़गपुर, कानूनी बाध्यता खत्म होते ही रेल प्रशासन ने खड़गपुर रेल स्टेशन को हाकर मुक्त शनिवार की तड़के करा दिया. जिसे लेकर युनियनों ने खाने पीने की सामान फेंक देने का आरोप लगा नारेबाजी की व वृदत्तर आंदोलन की चेतावनी दी।
खड़गपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम राजेश कुमार का कहना है कि डायनामिक इंटरनेशनल नामक ठेकेदारी संस्था का ठेके खत्म होने के बावजूद मामला लगभग दो-ढ़ाई साल से न्यायालय में लंबित था जिस पर निर्णय आने के बाद अवैध हाकरों को हटाया गया। उन्होने कहा कि इस दौरान रेल को काफी रेवेन्यू का नुकसान हुआ है।
रेलवे कांट्रेक्ट लेबर युनियन नेता अनिल दास का आरोप है कि प्लेटफार्म से सारे खाद्य-सामग्री बेचने वाले विक्रेताओं के स्टॉल रात के अंधेरे में बिना किसी चर्चा , सूचना एवं वैकल्पिक व्यवस्था के प्लेटफार्मों से जबरन हटा डाला रेलवे द्वारा जबरदस्ती एकतरफा कदम की तीव्र प्रतिवाद करते अमानवीय करार दिया। अनिल दास का कहना है कि लगभग 250 हाकर परिवार भुखमरी के कगार पर होंगे उनका कहना है कि ठेके किसे मिलेगी इससे हाकरों को मतलब नहीं उनलोगों की रोजगार ना जाने पाए इसके लिए वे लोग उदवग्नि है।
आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त बरुण कुमार बेहरा ने कहा कि कानूनी बाध्यता हटने के बाद हाकरों को हटाया गया उन्होने खाने पीने की चीजों को आरपीएफ की ओर से फेंके जाने का खंडन करते हुए कहा कि कार्रवाई के दौरान अफरातफरी में भले ही गिर गया हो पर फेंक देने का आरोप असंवेदनशील व बेबुनियाद है। उन्होने कहा कि हाकरों पर कार्ऱवाई नियमों के तहत की गई। अब देखना है कि नए ठेके किसे मिलता है व कितने हाकर कब तक काम में समायोजित हो पाते हैं।
इधर ठेकेदारी से जुड़े डायनामिक इंटरनेशनल से जुड़े श्रीनू ने कहा कि फिलहाल वह शहर से बाहर है रविवार को खड़गपुर आएंगे उसके बाद ही क्या घटित हुई है जानकारी लेकर प्रतिक्रिया देंगे।
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