December 5, 2025

ऑपरेशन सिंदूर में बड़ा खुलासा: पाकिस्तान ने स्वीकारे अपने 11 जवानों की मौत, पहली बार सामने आई पूरी सूची

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13 मई 2025 — भारत द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की मारक क्षमता को अब पाकिस्तान ने खुद स्वीकार कर लिया है। पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि इस ऑपरेशन में उनके 11 सैन्यकर्मी मारे गए हैं, जिनमें 6 पाकिस्तानी सेना और 5 वायुसेना के जवान शामिल हैं। इसके अलावा 78 सैनिक घायल भी हुए हैं।

 

यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने मारे गए सैनिकों के नाम सार्वजनिक किए हैं, जो दर्शाता है कि ऑपरेशन सिंदूर ने उसे किस स्तर तक झकझोर दिया।

 

मारे गए पाकिस्तानी सेना के जवानों के नाम इस प्रकार हैं:

 

नायक अब्दुल रहमान

 

लांस नायक दिलावर खान

 

लांस नायक इकरामुल्लाह

 

नायक वकार खालिद

 

सिपाही मोहम्मद अदील अकबर

 

सिपाही निसार

 

 

वायुसेना के मारे गए अधिकारी:

 

स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ

 

चीफ टेक्नीशियन औरंगजे़ब

 

सीनियर टेक्नीशियन नजीब

 

कॉर्पोरल टेक्नीशियन फारूक

 

सीनियर टेक्नीशियन मुबाशिर

 

 

इन मौतों की पुष्टि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने करते हुए यह भी कहा कि “ये सभी सैनिक अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं।”

 

पाकिस्तानी मीडिया ने यह भी दावा किया है कि भारतीय हमलों में 40 नागरिकों की जान गई है और 120 से अधिक घायल हुए हैं। भारत ने अब तक इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

 

गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर, भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई थी जो जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी, जिसके पीछे भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ बताया था।

 

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाते हुए रणनीतिक क्षमताओं को भारी नुकसान पहुंचाया था। अब जब पाकिस्तान खुद अपने सैन्य नुकसान की पुष्टि कर चुका है, यह साफ है कि भारतीय वायुसेना का यह ऑपरेशन पाकिस्तान की सुरक्षा संरचना को बुरी तरह झकझोर गया है।

 

निष्कर्ष: पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति यह साबित करती है कि भारत की सैन्य कार्रवाई योजनाबद्ध, सटीक और प्रभावशाली थी। यह भी स्पष्ट है कि आने वाले समय में दक्षिण एशिया की सामरिक स्थिरता को लेकर अंतरराष्ट्रीय निगरानी और बढ़ सकती है।

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