2025 में चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता की संभावनाएं: क्या खत्म होगा टैरिफ युद्ध?







प्रकाशित तिथि: 3 मई 2025
लेखक: सुभदीप महांति

विश्व व्यापार के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में, चीन ने संकेत दिया है कि वह अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है, जो कि वर्षों से चली आ रही टैरिफ (शुल्क) और नीतिगत विवादों के कारण रुकी हुई थी। इस खबर ने वैश्विक निवेशकों और अर्थशास्त्रियों के बीच आशा की किरण जगा दी है।

पृष्ठभूमि: क्यों रुकी थी व्यापार वार्ता?
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध तब से तनावपूर्ण हैं जब पिछली वार्ताएं बिना निष्कर्ष के समाप्त हो गई थीं। अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145% तक के उच्च टैरिफ लगाए, जिसे चीन ने 120% से अधिक के जवाबी शुल्क के रूप में उत्तर दिया।
इसके अलावा, दोनों देशों ने एक-दूसरे की तकनीकी कंपनियों पर प्रतिबंध और दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर रोक जैसे कदम भी उठाए, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं प्रभावित हुईं।
अब क्या बदला है?
हाल ही में चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह अमेरिका की ओर से आए संकेतों का “मूल्यांकन कर रहा है”, जिसमें वार्ता फिर से शुरू करने की इच्छा जताई गई है। हालांकि, चीन ने स्पष्ट किया कि कोई भी वार्ता “आपसी सम्मान और एकतरफा टैरिफ हटाने” की शर्त पर ही संभव होगी।
विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों की धीमी आर्थिक वृद्धि और वैश्विक मुद्रास्फीति के दबाव ने उन्हें फिर से बातचीत पर मजबूर किया है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस ने इस पर “संयमित सकारात्मक प्रतिक्रिया” दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया कि यदि चीन कुछ शर्तों को मानता है तो कुछ टैरिफ कम किए जा सकते हैं, लेकिन पूरी तरह हटाए नहीं जाएंगे।
इसका वैश्विक महत्व
बाजार की प्रतिक्रिया: इस खबर के बाद, S&P 500 इंडेक्स में 1.3% की बढ़त देखी गई। एशियाई शेयर बाजार भी चढ़े।
आपूर्ति श्रृंखला में सुधार: वार्ता शुरू होने से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और फार्मा सेक्टर को राहत मिल सकती है।
निवेशकों का भरोसा: सफल समझौता वैश्विक व्यापार व्यवस्था में स्थिरता ला सकता है।
क्या आगे हो सकता है?
मई के अंत में जिनेवा या सिंगापुर में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात हो सकती है।
निकट भविष्य में वार्ता की शर्तें सार्वजनिक होने की संभावना है।