December 5, 2025

आईआईटी खड़गपुर में छात्र ने की आत्महत्या, कैंपस में शोक का माहौल

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खड़गपुर, ५ मई २२५

आईआईटी खड़गपुर सिविल इंजीनियरिंग विभाग के तीसरे वर्ष के छात्र, २१ वर्षीय मोहम्मद आसिफ कामर ने  अपने कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। बिहार के में शिहोसर जिले के गारहिया गांव के निवासी आसिफ, मदन मोहन मालवीय हॉल के एसडीएस ब्लॉक के १३५ नंबर रूम में रहते थे।

घटना का विवरण
शनिवार रात से ही आसिफ के कमरे का दरवाजा बंद देखा गया। सहपाठियों ने कई बार दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे। दिल्ली की एक युवती, जो वीडियो कॉल पर आसिफ से बात कर रही थी, ने आत्महत्या की संकेत दिए जाने के बाद आईआईटी प्रशासन को सतर्क किया। इसके बाद रात ३:३० बजे हिजली थाना की पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और शव को बरामद किया। इसके बाद खड़गपुर अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन के आने के बाद अंत्य७७ड परीक्षण कराया जाएगा

रहस्यमय स्थिति
इस मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। यह जानकारी मिली है कि आसिफ पहले ही घर जाने के लिए अपना बैग पैक कर चुके थे, जो इस अचानक निर्णय को और रहस्यमय बना देता है। पुलिस उसकी मोबाइल फोन और लैपटॉप की जांच कर रही है ताकि अंतिम समय के डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा सके।

प्रतिक्रिया और कदम
आईआईटी प्रशासन ने कहा, “हम इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कार्यशालाओं और सहायता को बढ़ाया जाएगा।”
पश्चिम मेदिनीपुर जिला पुलिस अधीक्षक धृतिमान सरकार ने कहा, “वीडियो कॉल पर हुई बातचीत और अन्य सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।”

सहपाठियों ने बताया कि आसिफ आमतौर पर दबाव की बातें नहीं करता था और वह पिछले दिन तक सामान्य था।

आत्महत्या: एक बढ़ता हुआ संकट
खड़गपुर आईआईटी में पिछले चार महीनों में तीसरी छात्र की मौत है, जिसमें आत्महत्या के प्रमाण मिले हैं। बार-बार इस तरह की घटनाएं शिक्षा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही हैं।

आगे के कदम और जागरूकता अभियान
इस घटना के बाद आईआईटी खड़गपुर में मानसिक स्वास्थ्य पर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है। प्रशासन ने कहा कि छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। कैंपस में छात्रों की मानसिक भलाई सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यशालाएं, काउंसलिंग सत्र और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस तरह की त्रासदी फिर से न हो, इसके लिए छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संपर्क को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।

আইআইটি খড়্গপুরে ছাত্রের আত্মহত্যা, ক্যাম্পাসে নেমেছে শোকের ছায়া

খড়্গপুর, ৫ মে ২০২৫

 

আইআইটি খড়্গপুরে ফের ঘটে গেল মর্মান্তিক ঘটনা। সিভিল ইঞ্জিনিয়ারিং বিভাগের তৃতীয় বর্ষের ছাত্র, ২১ বছর বয়সী মহম্মদ আসিফ কামার রবিবার ভোরে নিজ কক্ষে আত্মহত্যা করেছেন বলে জানা গেছে। বিহারের শিওহর জেলার গারাহিয়া গ্রামের বাসিন্দা আসিফ, মদন মোহন মালব্য হলের SDS ব্লকের ১৩৫ নম্বর রুমে থাকতেন।

 

ঘটনার প্রেক্ষাপট

শনিবার রাত থেকেই রুম বন্ধ দেখে সহপাঠীরা চিন্তিত হয়ে ওঠেন। একাধিকবার দরজা খোলার চেষ্টা ব্যর্থ হলে, দিল্লির এক তরুণী—যিনি ভিডিও কলে আত্মহত্যার ইঙ্গিত পেয়েছিলেন—আইআইটি কর্তৃপক্ষকে সতর্ক করেন। পরে রাত ৩:৩০ নাগাদ হিজলি ফাঁড়ির পুলিশ এসে দরজা ভেঙে দেহ উদ্ধার করে। এরপর খড়্গপুর মহকুমা হাসপাতালে নিয়ে গেলে চিকিৎসকরা আসিফকে মৃত ঘোষণা করেন।

 

রহস্য ও উদ্বেগ

এই মৃত্যুকে ঘিরে উঠছে নানা প্রশ্ন। জানা গেছে, আসিফ ইতিমধ্যেই বাড়ি যাওয়ার জন্য ব্যাগ গুছিয়ে রেখেছিলেন, যা তার হঠাৎ সিদ্ধান্তকে আরও রহস্যজনক করে তোলে। পুলিশ তার মোবাইল ও ল্যাপটপ পরীক্ষার মাধ্যমে শেষ সময়ের ডিজিটাল তথ্য বিশ্লেষণ করছে।

 

প্রতিক্রিয়া ও পদক্ষেপ

আইআইটি কর্তৃপক্ষ জানিয়েছে, ‘‘আমরা গভীরভাবে শোকাহত। মানসিক স্বাস্থ্য সংক্রান্ত সচেতনতা ও সহায়তা বাড়ানোর উদ্যোগ নেওয়া হবে।’’

পশ্চিম মেদিনীপুর জেলা পুলিশ সুপার ধৃতিমান সরকার জানান, ‘‘ভিডিও কলের কথোপকথনসহ সমস্ত দিক খতিয়ে দেখা হচ্ছে।’’

 

সহপাঠীদের অনেকে জানিয়েছেন, আসিফ সাধারণত চাপের কথা বলতেন না এবং মৃত্যুর আগের দিনও স্বাভাবিক আচরণ করছিলেন।

 

আত্মহত্যা: একটি বাড়ন্ত সংকট

গত চার মাসে আইআইটি খড়্গপুরে এটি তৃতীয় ছাত্রমৃত্যুর ঘটনা, যার সবগুলোতেই আত্মহত্যার প্রমাণ মিলেছে। বারবার এমন ঘটনা শিক্ষা প্রতিষ্ঠানগুলিতে মানসিক স্বাস্থ্য ব্যবস্থার ওপর প্রশ্ন তুলে দিচ্ছে।

 

পরবর্তী পদক্ষেপ ও সচেতনতা উদ্যোগ

এই ঘটনার পর আইআইটি খড়্গপুরে মানসিক স্বাস্থ্য নিয়ে নতুন করে আলোচনার দরজা খুলেছে। প্রশাসনের পক্ষ থেকে জানানো হয়েছে, শিক্ষার্থীদের মানসিক চাপ মোকাবিলায় আরও কার্যকর পদক্ষেপ নেওয়া হবে। ক্যাম্পাসে শিক্ষার্থীদের মানসিক সুস্থতা নিশ্চিত করতে একাধিক কর্মশালা, কাউন্সেলিং সেশন ও সচেতনতা মূলক কর্মসূচির পরিকল্পনা করা হয়েছে।

 

এই ধরনের ট্র্যাজেডি যেন আর না ঘটে, সে জন্য ছাত্রছাত্রী, শিক্ষক এবং অভিভাবকদের মধ্যে যোগাযোগ আরও মজবুত করার ওপর জোর দেওয়া হচ্ছে।

 

সহায়তা প্রয়োজন?

যদি আপনি বা আপনার পরিচিত কেউ মানসিক চাপে ভুগে থাকেন, দয়া করে সাহায্য নিতে দ্বিধা করবেন না।

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