भारत के हमले के बाद पाकिस्तान आर्थिक संकट में: अर्थव्यवस्था खतरे में






मई 2025:
मई 2025 में भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक नए संकट में फंस गई है। भारत ने नौ स्थानों पर हवाई हमला किया, जिससे पाकिस्तान की आंतरिक संरचनाओं को भारी क्षति पहुंची। बहावलपुर, मुरिदके और मुज़फ़्फराबाद क्षेत्रों में हमलों में कम से कम 31 नागरिकों की मौत हो गई और 57 लोग घायल हुए।




हमलों के तुरंत बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज में भारी गिरावट दर्ज की गई। सूचकांक में 5% से अधिक की गिरावट आई, जो निवेशकों के बीच गहरे अस्थिरता और चिंता को दर्शाता है। साथ ही, पाकिस्तान का विदेशी ऋण $131 बिलियन से भी अधिक हो चुका है और विदेशी मुद्रा भंडार खतरनाक रूप से कम हो गया है।

जल संसाधन और कूटनीतिक दबाव
भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने की धमकी दी है, जिस पर पाकिस्तान की कृषि और बिजली उत्पादन निर्भर करता है। यदि यह संधि रद्द होती है, तो पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा और कृषि अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस सैन्य तनाव पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने गहरी चिंता जताई है। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और तुर्की ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। मूडीज जैसी वित्तीय रेटिंग एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान पूर्ण युद्ध का आर्थिक बोझ सहन करने में सक्षम नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वर्तमान स्थिति लंबी चली, तो पाकिस्तान में विदेशी निवेश घटेगा, आर्थिक सुधार रुक जाएंगे और गरीबी बढ़ेगी। IMF की सहायता के बावजूद सैन्य खर्च का दबाव इस मदद को अप्रभावी बना सकता है।
निष्कर्ष
भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और अधिक कमजोर हो गई है। शेयर बाजार की गिरावट, कर्ज का बोझ, और जल संकट देश की आर्थिक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कूटनीतिक समाधान के बिना इस संकट से बाहर निकलना मुश्किल है।
