लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक आमिर हमजा अस्पताल में भर्ती, क्या खामोशी से खत्म हो रहा है एक आतंकी अध्याय?






– भारत का वांटेड आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक आमिर हमजा इस वक्त गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। पाकिस्तान के लाहौर शहर से आई इस खबर ने एक बार फिर से आतंकवाद और इसके सरगनाओं के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।




आमिर हमजा, जिसे भारत लंबे समय से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के चलते तलाश रहा है, अब अपने जीवन के अंतिम दौर में हो सकता है। फिलहाल उसके स्वास्थ्य को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन खुफिया सूत्रों के अनुसार उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।

हमजा लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद का करीबी माना जाता है और वर्षों से आतंकी प्रचार, ट्रेनिंग और भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रहा है। उसका नाम कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में भी सामने आ चुका है।
क्या आतंकवाद का अंत संभव है?
इस घटना ने फिर एक बार ये सवाल खड़ा किया है – क्या आतंकवाद का अंत कभी संभव है? जनता की सोच भी बंटी हुई है। कुछ लोग मानते हैं कि आतंकवाद का खात्मा ज़रूरी और संभव है, वहीं कुछ का कहना है कि ये एक लंबी और जटिल लड़ाई है जिसका अंत कह पाना मुश्किल है।
सवाल कई हैं, लेकिन उम्मीद ज़िंदा है।
आमिर हमजा की गिरती हालत भले ही एक आतंकी अध्याय के खत्म होने की ओर इशारा कर रही हो, लेकिन असल जीत तब होगी जब आतंक की पूरी व्यवस्था का खात्मा होगा। हर वो सोच, जो इंसानियत के खिलाफ है, उसे नकारना ही होगा।
