अहमदाबाद विमान हादसा: मौत को मात देकर ज़िंदगी की ओर लौटे रमेश कुमार विश्वास, सीट 11A के एकमात्र जीवित यात्री






अहमदाबाद एयर इंडिया की एक फ्लाइट में हुए गंभीर हादसे के बाद एक ऐसी चौंकाने वाली और प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जो न सिर्फ हैरान करती है बल्कि ज़िंदगी के प्रति उम्मीद भी जगाती है। इस हादसे में अधिकांश यात्रियों की मौत हो गई, लेकिन चमत्कारिक रूप से सीट नंबर 11A पर बैठे रमेश कुमार विश्वास इस भयावह दुर्घटना में जीवित बच गए। उन्हें तुरंत ऐंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया और वे होश में आने के बाद खुद चलकर स्ट्रेचर तक पहुंचे।




घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। जिस विमान में मौत का साया मंडरा रहा था, उसी में एक व्यक्ति ज़िंदगी की लौ जलाए बच निकला। विमान में आग लगने के बाद कुछ ही मिनटों में धुएं और गर्मी से अधिकांश यात्री बेहोश हो गए थे। चारों ओर अफरा-तफरी और चीख-पुकार का माहौल था। ऐसे में रमेश कुमार विश्वास का जीवित बच पाना एक करिश्मे से कम नहीं माना जा रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों और ऐंबुलेंस कर्मियों के अनुसार, जब विमान में राहत-बचाव का काम शुरू हुआ, तो उन्हें सीट 11A पर एक घायल व्यक्ति दिखा जो सांस ले रहा था। उसके चेहरे पर गहरी चोटें थीं, शरीर पर खरोंचें और जलने के निशान थे, लेकिन उसने होश में रहते हुए सहायता मांगी। यह दृश्य न सिर्फ आश्चर्यचकित करने वाला था, बल्कि दिल को छू लेने वाला भी था।
मौत को हराकर वापसी:
रमेश कुमार विश्वास की यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने मौत को सामने से देखा, उसे चुनौती दी और ज़िंदगी को दोबारा गले लगाया। डॉक्टर्स का कहना है कि रमेश की हालत गंभीर थी लेकिन समय पर इलाज मिलने से उनकी जान बच गई। चेहरे और शरीर पर चोटों के बावजूद उन्होंने खुद हिम्मत दिखाई और किसी सहारे के बिना स्ट्रेचर तक पहुंचे।
सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो रही है, और लोग उन्हें “ज़िंदा चमत्कार” कह रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “राखे हरि मारे के?” यानी जब ईश्वर रक्षा करता है तो कोई मार नहीं सकता। यह कहावत इस मामले में सटीक बैठती है।
विमान हादसा: पूरी जानकारी
एयर इंडिया की यह फ्लाइट अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद तकनीकी खराबी का शिकार हो गई थी। लैंडिंग के दौरान विमान के एक हिस्से में आग लग गई और वह रनवे पर फिसल गया। मौके पर दमकल की कई गाड़ियां पहुंचीं, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। प्रारंभिक जांच में विमान के इंजन में खराबी की बात सामने आ रही है। हालांकि DGCA ने मामले की जांच शुरू कर दी है और रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारण सामने आ पाएगा।
सरकार और प्रशासन की भूमिका:
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और एयरपोर्ट अधिकारी सक्रिय हो गए थे। एम्बुलेंस, दमकल और सुरक्षा टीमों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। रमेश कुमार विश्वास को प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद शहर के प्रमुख अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है। सरकार ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा भी की गई है।
मानवता और हिम्मत की मिसाल:
रमेश कुमार विश्वास आज पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं। उन्होंने न केवल ज़िंदगी की लड़ाई लड़ी बल्कि यह भी दिखाया कि विपरीत परिस्थितियों में भी साहस और उम्मीद नहीं छोड़ी जानी चाहिए। उनके इस साहसिक प्रयास को लेकर लोगों में भावुकता और आश्चर्य दोनों की लहर है।
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि ज़िंदगी कितनी अनमोल है और हर एक पल का महत्व कितना बड़ा हो सकता है। साथ ही यह भी याद दिलाता है कि आपदा के समय त्वरित और सही कदम कितने जरूरी होते हैं।
इस घटना को भुला पाना आसान नहीं होगा, लेकिन रमेश कुमार विश्वास की ज़िंदगी की यह कहानी हमेशा दिलों में जिंदा रहेगी, एक सबक के रूप में, एक उम्मीद के रूप में।
