IRCTC टिकट बुकिंग में बड़ा खुलासा: बुकिंग शुरू होते ही टिकट गायब, 2.5 करोड़ फर्जी ID बंद






भारतीय रेलवे की आधिकारिक टिकट बुकिंग सेवा IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यात्रियों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ विशेष ट्रेनों में बुकिंग शुरू होते ही टिकट कुछ ही मिनटों में गायब हो जाते हैं। अब इन शिकायतों की जांच के बाद IRCTC ने बड़ा खुलासा किया है, जिससे टिकट माफिया के जाल का पर्दाफाश हुआ है।




दरअसल, भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर जब यात्रियों के लिए बुकिंग की प्रक्रिया शुरू होती है — जो कि आमतौर पर यात्रा की तारीख से 60 दिन पहले शुरू होती है — तो कुछ ट्रेनों की सभी टिकटें 2 से 5 मिनट के भीतर ही फुल हो जाती हैं। इससे आम यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाते, और उन्हें मजबूरी में एजेंट्स से ज्यादा कीमत पर टिकट खरीदने पड़ते हैं।

पिछले 5 महीनों में IRCTC ने लगभग 2.9 लाख संदिग्ध PNR नंबर की जांच की। यह देखा गया कि जैसे ही बुकिंग खुलती है, कुछ खास ID से बड़ी मात्रा में टिकट कुछ ही मिनटों में बुक हो जाते हैं। इसके बाद उन टिकटों को ब्लैक मार्केट में ज्यादा दाम पर बेचा जाता है। यह पूरा खेल फर्जी और अनधिकृत आईडी के ज़रिये चल रहा था।
IRCTC और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की संयुक्त कार्रवाई में यह सामने आया कि लगभग 2.5 करोड़ फर्जी यूज़र ID बनाए गए थे, जिनका प्रयोग करके टिकट बुक किए जा रहे थे। इन फर्जी ID को अब पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ये ID विशेष सॉफ्टवेयर और ऑटोमेटेड टूल्स के ज़रिए मिनटों में टिकट बुक कर लेती थीं। इसके बाद ये टिकट दलालों के ज़रिए आम यात्रियों को महंगे दामों में बेचे जाते थे।
रेलवे मंत्रालय ने इस तरह की गतिविधियों को “साइबर फ्रॉड” की श्रेणी में रखा है और यात्रियों से अपील की है कि वे केवल IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट या मान्यता प्राप्त एजेंटों से ही टिकट बुक करें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करने को भी कहा गया है।
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य आम यात्रियों को निष्पक्ष और पारदर्शी टिकट बुकिंग सुविधा देना है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि हर आम यात्री को समय पर और सही दाम पर टिकट मिले। इस तरह की धोखाधड़ी से न केवल यात्रियों को नुकसान होता है, बल्कि रेलवे की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं।”
रेलवे ने आगे और सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं। IRCTC अब टिकट बुकिंग सिस्टम में अतिरिक्त सुरक्षा फीचर्स जोड़ने पर काम कर रहा है, ताकि ऑटोमैटिक सॉफ्टवेयर या बॉट्स के ज़रिए टिकट बुकिंग को रोका जा सके।
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निष्कर्ष:
IRCTC की इस कार्रवाई से यह साफ है कि रेलवे अब टिकट माफिया और फर्जी यूज़र्स के खिलाफ सख्त रवैया अपना रहा है। यदि यह नियंत्रण नहीं किया जाता, तो आम यात्रियों को हमेशा दलालों की चंगुल में फंसना पड़ता। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में टिकट बुकिंग प्रक्रिया कितनी पारदर्शी और सुविधाजनक होती है।
