इज़रायल बनाम ईरान: शुरू हो चुका है युद्ध? जानिए कौन कितना ताकतवर, और क्या हो सकती है तबाही






मध्य पूर्व एक बार फिर से जलने लगा है। इज़रायल और ईरान के बीच गहराते तनाव ने अब युद्ध का रूप ले लिया है। इज़रायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” नाम से एक सीक्रेट सैन्य अभियान की शुरुआत की है, जिसने ईरान के कई अहम सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। बदले में, ईरान ने भी सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों से इज़रायल पर जवाबी हमला किया है। आइए जानते हैं इस संघर्ष की गहराई और इससे उत्पन्न होने वाले संभावित खतरों के बारे में:




🔥 इज़रायल का हमला: ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’

इज़रायल ने शुक्रवार को “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” के तहत ईरान के नातांज, तबरिज, इस्फहान और तेहरान जैसे अहम शहरों में कई बमबारी की।
इस हमले में लगभग 200 से अधिक फाइटर जेट्स (F-35, F-16) ने भाग लिया।
100 से ज्यादा ठिकानों पर बम और मिसाइलों से हमले किए गए।
इनमें परमाणु वैज्ञानिकों के ठिकाने, एयर डिफेंस सिस्टम, बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च बेस और रडार यूनिट शामिल थे।
इस हमले में 20 से अधिक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए हैं, साथ ही करीब 100 से अधिक लोग हताहत हुए हैं।
💥 ईरान की प्रतिक्रिया: पलटवार में बरसीं मिसाइलें
इज़रायली हमलों के बाद ईरान ने भी पलटवार किया है:
तेल अवीव, हैफा, अशदूद और यरूशलम जैसे शहरों पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं।
ईरान के दक्षिणी क्षेत्र में “लाल झंडा” फहराया गया, जो शिया परंपरा में ‘प्रतिशोध’ का प्रतीक माना जाता है।
इस हमले में इज़रायल के कई शहरों में धमाकों की गूंज सुनाई दी। हालांकि क्षति का पूरा आकलन अभी जारी है।
⚔️ कौन कितना ताकतवर? सैन्य शक्ति का तुलनात्मक विश्लेषण
क्षेत्र इज़रायल ईरान
सक्रिय सैनिक ~1.7 लाख ~6.1 लाख
रिजर्व फोर्स ~4.65 लाख ~3.5 लाख
टैंक ~1370 ~1996
फाइटर जेट्स ~241 ~186
सबमरीन 5 3
इज़रायल की ताकत उसकी टेक्नोलॉजी और आधुनिक हथियार प्रणाली में है, वहीं ईरान के पास संख्या बल और बैलिस्टिक मिसाइलों की भरमार है।
🌍 वैश्विक प्रभाव: भारत समेत दुनिया पर क्या पड़ेगा असर?
तेल के दाम: खाड़ी क्षेत्र में युद्ध के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे वैश्विक कीमतें बढ़ेंगी। भारत जैसे देश पर इसका सीधा असर होगा।
रणनीतिक तनाव: अमेरिका, रूस और चीन जैसे देश इन घटनाओं पर करीबी नजर रख रहे हैं। किसी भी पक्ष की सीधी भागीदारी से संघर्ष वैश्विक युद्ध में तब्दील हो सकता है।
मानवता का संकट: दोनों देशों में आम नागरिकों की जान जोखिम में है। अस्पताल, स्कूल और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
🔮 आगे क्या?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह संघर्ष यहीं थम जाएगा या और भी विकराल रूप लेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही कोई कूटनीतिक हल नहीं निकला, तो यह युद्ध मध्य-पूर्व की शांति को स्थायी रूप से नष्ट कर सकता है। साथ ही, यह पूरे विश्व के लिए आर्थिक और राजनीतिक संकट ला सकता है।
📌 निष्कर्ष:
इज़रायल और ईरान की यह टकराव अब सिर्फ सीमित संघर्ष नहीं रहा, बल्कि यह धीरे-धीरे एक पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ रहा है। परमाणु खतरे, मिसाइलों की वर्षा और दोनों देशों की सैन्य शक्ति को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर यह युद्ध आगे बढ़ा, तो इसकी कीमत पूरी दुनिया को चुकानी पड़ सकती है।
