पश्चिम बंगाल में अगले कुछ दिन भारी बारिश की चेतावनी, IMD की रेड-ऑरेंज अलर्ट जारी






बंगाल में मानसून की सक्रियता और बंगाल की खाड़ी में एक निम्न-दाब प्रणाली (लो‑प्रेशर एरिया) के विकास के बाद दक्षिण बंगाल के कई जिलों में पांच दिन तक भारी से अति-भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्रणाली 27–28 जुलाई तक राज्य में बनी रहेगी, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा और जीवन-यापन प्रभावित होने की आशंका है।




🌩️ मौसम का हाल और संभावित बारिश:

लो‑प्रेशर एरिया का गठन: उत्तर बंगाल की खाड़ी में बुधवार–गुरुवार तक चक्रवातीय परिसंचरण बनने की संभावना है, जो धीरे-धीरे एक निम्न-दाब प्रणाली में तब्दील हो सकता है। इससे वातावरण में नमी का तेज प्रवेश होगा और दक्षिण बंगाल में 24–28 जुलाई तक लगातार बारिश होगी ।
बारिश की मात्रा: दक्षिण बंगाल में ये बारिश ‘भारी से अति‑भारी’ (7–20 सेमी तक) हो सकती हैं, जबकि उत्तर बंगाल के पहाड़ी जिलों जैसे दार्जिलिंग, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, अलिपुड़वार में भी अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश दर्ज हो सकती है ।
कोलकाता की स्थिति: कोलकाता ने जुलाई तक सामान्य से करीब 10–20 % अधिक वर्षा (लगभग 600–620 मिमी) दर्ज की है। 25 जुलाई को शहर में एक और तेज बारिश आ सकती है, जिससे तापमान में गिरावट संभव है ।
⚠️ अलर्ट और प्रशासनिक तैयारी:
अलर्ट जारी: IMD ने कई जिलों में ऑरेंज (तत्काल कार्रवाई) और येलो (सावधानी) अलर्ट जारी किया है। विशेषकर दक्षिण 24 परगना, पूर्व/पश्चिम मिदनापुर, बांका, पुरुलिया, झारग्राम जिलों में ऑरेंज अलर्ट है, और अन्य जिलों में येलो ।
फिशरमेन को चेतावनी: पश्चिम बंगाल-ओडिशा तट और उत्तर और मध्य बंगाल की खाड़ी में समुद्र की सतह सनकी (squally) हो सकती है, तेज़ हवा (35–55 किमी/घंटा) के साथ। मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गयी है ।
प्रभावित क्षेत्रों: इन बारिशों के कारण तटीय इलाकों में जलभराव, निचले इलाकों में बाढ़, सडक़ों पर फुटपाथ पर पानी और कुछ कमजोर ढांचों को नुकसान होने की आशंका है ।
💡 सावधानी और सुझाव:
जनता से अपील: यात्रियों और ग्रामीणों को भारी बारिश के दौरान गाहे-बगाहे घर में रहने, पानी से भरे इलाकों में न जाने, पेड़ों और बिजली पोल के नीचे आश्रय न लेने की सलाह दी गयी है ।
सामाजिक और प्रशासनिक तैयारी: कार्यकारिणी दल बार-बार राज्य आपदा प्रबंधन को तैयार रहने, निचले इलाकों में राहत शिविर रखने और जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दे चुके हैं।
⏳ पृष्ठभूमि का संदर्भ:
इन मौसम गतिविधियों की वजह मॉनसून ट्रफ, बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिसंचरण, और ट्रॉपिकल साइक्लोन वाइफा (Wipha) जैसे मौजूदा सिस्टम्स के अवशेष हैं, जो राज्य में मानसून को और सक्रिय बना रहे हैं ।
✅ निष्कर्ष:
24–28 जुलाई तक पश्चिम बंगाल विशेषकर दक्षिणी जिलों में भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी, जो जीवन और ढ़ांचागत सुविधाओं को प्रभावित कर सकती है। IMD और राज्य प्रशासन की चेतावनियाँ समय पर जारी हो रही हैं। मौसम की मौज-मस्ती का लुत्फ उठाने के साथ-साथ नागरिकों से सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।
