बागी TMC विधायक हुमायूँ कबीर बनाएँगे नई पार्टी, 15 अगस्त को देंगे सियासी बिगुल
पश्चिम बंगाल के भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक हुमायूँ कबीर ने बड़ा राजनीतिक कदम उठाया है। वे 15 अगस्त को एक नई पार्टी लॉन्च करने की घोषणा कर चुके हैं, और अगले साल की विधानसभा चुनाव के लिए लगभग 50-52 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं ।
🔍 उनकी वजहें क्या हैं?
जिले की नेतृत्व व्यवस्था से नाराज़गी: कबीर का आरोप है कि मुर्शिदाबाद जिला TMC नेतृत्व में लोकतंत्र की कमी है। उन्होंने विशेष रूप से जिला नेता अपूर्वा सरकार व ख़लीलुर रहमान को दोषी ठहराया, जिनके अनुसार मुख्यमंत्री की निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है ।
माइनॉरिटी समुदायों का समर्थन: वे कहते हैं, “मैं उपेक्षित लोगों — मुस्लिम और कुछ हिंदुओं — की आवाज़ सुनकर आगे बढ़ रहा हूँ” ।
TMC नेतृत्व से कह रहे हैं स्पष्ट: “ममता बनर्जी या अभिषेक बनर्जी से मेरा कोई व्यक्तिगत विरोध नहीं है।” उन्होंने अपने विद्रोह को सिर्फ स्थानीय स्तर की राजनीति के लिए सीमित बताते हुए सफ़ाई दी है ।
🗺️ नए पार्टी की विस्तार योजना:
लक्ष्य क्षेत्र: मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर/दक्षिण दिनाजपुर और नादिया जिलों पर फोकस।
सीट संख्या: 50 से 52 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना ।
लॉन्च तिथि: आधिकारिक तौर पर नई पार्टी 1 जनवरी 2026 को लॉन्च होने की संभावना है ।
🎭 TMC की चुप्पी और प्रतिक्रिया:
अगस्त 15 का अल्टीमेटम: कबीर ने कहा है कि अगर तब तक जिला नेतृत्व में बदलाव नहीं हुआ, तो वे नई पार्टी बनाएंगे ।
TMC का जवाब: पार्टी उपाध्यक्ष जॉयप्रकाश मजूमदार ने इस कदम को ‘मशीनरी का नाटक’ बताते हुए कहा कि कबीर कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं यदि वे असंतुष्ट हैं—उनका बहाना नहीं चलेगा ।
🧭 चुनावी तस्वीर पर असर:
TMC के वोट बैंक में सेंध?:* विश्लेषकों का कहना है कि एक मुस्लिम-बहुल नई पार्टी की स्थापना TMC के माइनॉरिटी वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है, खासकर पिछली चुनौतियों और विपक्ष की चर्चाओं के बीच ।
TMC की सियासी रणनीति कैसी होगी? आगामी महीनों में वरिष्ठ नेतृत्व की प्रतिक्रिया, सम्भावित गठबन्धन और सीट साझारणनीतियाँ कुछ सवालों का जवाब होंगी।