खड़गपुर में वामपंथी नेता अनिल दास पर हमले के बाद गरमाई राजनीति — आज उनके घर जाकर मिले दिलीप घोष








खड़गपुर, 2 जुलाई:

खड़गपुर में वामपंथी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता कॉमरेड अनिल दास पर हुए हमले के बाद से राजनीतिक माहौल लगातार गरम होता जा रहा है। घटना के कुछ दिनों बाद আজ सुबह भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद दिलीप घोष खड़गपुर में अनिल दास के घर जाकर उनसे मुलाकात की।

दिलीप घोष ने घायल नेता की तबीयत की जानकारी ली और उनके परिवार के सदस्यों से विस्तृत बातचीत की। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा:
“कॉमरेड अनिल दास पर हुआ यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इससे पहले उसके साथ भी कई महिलाओं ने बदतमीजी की थी। ऐसी महिलाओं पर गाड़ी चढ़ा देने की बात कहीथी। उन्होंने घटना के लिए प्रदीप सरकार को भी आढे हाथों लिया।
📌 घटना की पृष्ठभूमि
30 जून को खड़गपुर की एक व्यस्त सड़क पर कॉमरेड अनिल दास पर तृणमूल कांग्रेस की नेता बेबी कोले और उनके समर्थकों द्वारा हमला किए जाने का आरोप है।
घटना के वायरल वीडियो में देखा गया कि एक महिला (संभवत: बेबी कोले) उन्हें धक्का देती हैं, जिससे वे ज़मीन पर गिर जाते हैं, और इसके बाद उनके साथ मारपीट की जाती है।
बाद में उन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस हमले के खिलाफ पूरे शहर में नाराजगी फैल गई। वामपंथी दलों के साथ-साथ आम लोगों ने भी सोशल मीडिया पर तीखा विरोध दर्ज किया।
🔎 राजनीतिक प्रतिक्रिया और विरोध
वामपंथी नेताओं का कहना है कि यह हमला सुनियोजित था और सरकार की आलोचना करने वालों की आवाज़ को दबाने की एक साज़िश है।
आज दिलीप घोष के अनिल दास के घर जाकर मुलाकात करने से यह मुद्दा अब केवल एक स्थानीय घटना न रहकर राज्यव्यापी राजनीतिक बहस का विषय बन चुका है।
✅ निष्कर्ष
कॉमरेड अनिल दास पर हुआ हमला केवल एक राजनीतिक व्यक्ति पर हमला नहीं था, बल्कि यह लोकतंत्र, सामाजिक कार्य और विचारों की आज़ादी पर सीधा प्रहार है।
आज जब दिलीप घोष खुद उनके घर जाकर मिले, तब यह स्पष्ट हो गया कि मामला अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
जनता और राजनीतिक संगठनों की एक ही मांग है — निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।